ग्रेटर नोएडा में किसानों की महापंचायत आज, यूपी के इन 9 जिलों के किसान होंगे शामिल, सरकार से है ये मांग
Greater Noida Kisan Mahapanchayat: ग्रेटर नोएडा किसान महा पंचायत में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के के अलावा गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत, मुजफ्फरनगर ,सहारनपुर,अलीगढ़ और मथुरा जिले से किसान शामिल होंगे.
Greater Noida Kisan Mahapanchayat: उत्तर प्रदेश स्थित ग्रेटर नोएडा में गिरफ्तार किसानों की रिहाई और किसानों की माँगो को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ़ से महा पंचायत बुलाई गई है. जिसमे किसानों के आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. किसानोंं ने प्रशासन को कल तीन बजे तक का समय दिया है. कहा है कि गिरफ्तार किसानोंं को तत्काल छोड़ा जाय साथ ही 10% का विकसित प्लॉट ,64% का मुआवजा , आवादी का निस्तारण , नक्शा नीति में संशोधन और गांव के विकास जैसे मुद्दों पर तीनो प्राधिकरण लिखित आश्वासन दें नहीं तो किसान अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर होंगे.
इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. गौतमबुद्ध नगर के किसानोंं की मांगो को जायज़ बताते हुए भारतीय किसान यूनियन ने समर्थन देने का ऐलान किया था और कहा था कि किसानोंं के साथ भाकियू खड़ी है.
जानकारी के मुताबिक इस महा पंचायत में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के के अलावा गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत, मुजफ्फरनगर ,सहारनपुर,अलीगढ़ और मथुरा जिले से किसान शामिल होंगे.
राकेश टिकैत ने किया ये दावा
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इससे पहले भी ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर किसानोंं ने महापंचायत का ऐलान किया था लेकिन महा पंचायत में पहुंचने से पहले ही पुलिस ने मुझे टप्पल में हिरासत में ले लिया था और महापंचायत में शामिल किसानोंं को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार भी किया था जिसके बाद से लगातार किसा नअपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. प्रशासन उनकी सुनने को तैयार नहीं है इसीलिए यह किसान महापंचायत बुलाई गई है. और इस महापंचायत में किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा होगी.
उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने किसानोंं की मांगे नहीं मानी तो किसान अब लखनऊ कूच करेंगे और वहां धरना देकर अपनी मांग मनवाएंगे. क्योंकि किसानोंं ने प्रशासन से कई दौर की बातचीत कर ली है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकाला और प्रशासन लगातार किसानोंं की धर पकड़ और गिरफ्तारी कर रहा है. लेकिन मैं प्रशासन से कहना चाहता हूँ कि किसानों के साथ अब बदसलूकी और गिरफ़्तारी बर्दास्त नहीं होगी. अगर प्रशासन नहीं सुधरा तो किसान सड़को पर भी उतरेंगे चक्का जाम भी करेंगे और इन सबका जिम्मेदार प्रशासन ख़ुद होगा.