International Dairy Federation World Dairy Summit (IDF WDS) 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा (India Expo Centre & Mart, Greater Noida) में विश्व डेयरी समिट ( World Dairy Summit) का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर (Dairy Sector) की असली कर्णधार देश की महिलाएं हैं. भारत के डेयरी कोऑपरेटिव में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं. उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) की रीढ़ है. साल, 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध (Milk) का उत्पादन होता था. अब बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है. बीते आठ वर्षों में दूध उत्पादन में करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. भारत दूसरी बार विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. 1974 में भी देश ने विश्व डेयरी कांग्रेस की मेजबानी की थी, तब डेयरी में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तय किया गया था. 


डेयरी कोऑपरेटिव की मिसाल दुनिया में मिलना मुश्किल- पीएम


पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं. आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. डेयरी सेक्टर की क्षमता न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन भी है. डेयरी कोऑपरेटिव देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं. 


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गोबर धन योजना को और बनाया जाएगा सफल-पुरुषोत्तम रुपाला


समारोह में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला (Parshottam Rupala) ने कहा कि 1974 में भारत में विश्व डेयरी समिट हुआ था, तब हमारा दूध का प्रोडक्शन तीन मिलियन लीटर था और आज हम जब हम इस समिट का आयोजन कर रहे हैं तब हमारा उत्पादन 220 मिलियन लीटर है. यानि बीते 48 साल में दूध के उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है. मौजूदा समय में हम दूध के उत्पादन में पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं. उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. जल्द ही गोबर धन योजना (Gobar Dhan Yojana) को और सफल बनाने के प्रयास किए जाएंगे. गोबर के जरिए धन अर्जित करने की योजना हमें नई राह देगी. 


12 से 15 सितंबर तक चलनेवाले विश्व डेयरी समिट में 46 देशों के करीब 1433 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. साथ ही, 800 से अधिक डेरी किसान शिरकत करेंगे. पोषण एवं आजीविका के लिए डेयरी उद्योग पर 24 सत्र होंगे. इसमें 91 विदेशी और 65 भारतीय विशेषज्ञ विश्वभर में नवाचार और डेयरी उद्योग को विकसित करने पर विचार रखेंगे. इसके अलावा तीन तकनीकी सत्र भी आयोजित होंगे. सम्मेलन के लिए 11 हॉल तैयार किए गए हैं. तीन हॉल में प्रदर्शनी लगेगी. प्रदर्शनी में डेयरी उद्योग में इस्तेमाल होने वाली तकनीक पेश की जाएगी. सभी हॉल को भारतीय गाय और भैंस की प्रजातियों के नाम पर रखा गया है.


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