Street Light in Greater Noida: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के अलग-अलग गांवों और सेक्टरों को मिलाकर पहले फेज में अब तक करीब 21 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी हैं. ये एलईडी लाइटें सोडियम की जगह लगाई जा रही है. वहीं इस साल कुल 54 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी है. जिन सेक्टरों में स्ट्रीट लाइटें लगाने की शुरुआत की गई हैं, उनमें सेक्टर अल्फा वन, अल्फा टू, बीटा वन, बीटा टू, गामा वन और कई सेक्टर शामिल हैं. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी लाइट लगाने की शुरुआत हो गई है.

 

एक और जहां एलईडी लाइटों के लग जाने से सड़कों पर रोशनी बेहतर होगी, वहीं लोगों के लिए भी यह सुविधाजनक हो जाएगी. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम सलिल यादव ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एलईडी स्ट्रीट लाइटें ऑटोमेशन सिस्टम पर लग रही हैं. स्ट्रीट लाइटों को सुबह-शाम जलाने-बुझाने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. स्ट्रीट लाइटें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जीआईएस से जुड़ी होंगी, जिससे स्ट्रीट लाइट न जलने की सूचना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तक पहुंच जाएगी. ऐसे में अगर कहीं पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है, तो सूचना मिलते ही कंपनी उसे रिपेयर करा देगी.

 

रिपेयर नहीं करने पर कंपनी देगी पेनल्टी

 

स्ट्रीट लाइटों में किसी तरह को अगर परेशानी हो जाती है और स्ट्रीट लाइट लगाने वाली कंपनी उसे रिपेयर करने में देरी करती है, तो इसका खामियाजा कंपनी को भुगतना पड़ेगा. यानी प्राधिकरण ने रिपेयर करने के लिए समय-सीमा भी तय कर दी है. रिपेयर करने में देरी हुई तो पेनल्टी का भी प्रावधान है. ऐसे में शहरवासियों को बेहतर सर्विस भी मिल सकेगी. इसके साथ ही एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से देश की ऊर्जा भी बचेगी और बिजली का बिल भी कम आएगा. पहले के मुकाबले आधी बिजली में ही ग्रेटर नोएडा की सड़कें रोशन रहेंगी. साल भर में करीब 30 करोड़ रुपये बिजली का बिल आता है, उसमें भी बचत होगी. बिजली की खपत कम होने से बिल भी कम आएगा, करीब 15 करोड़ रुपये ही बिल आने का अनुमान है.

 

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