नोएडा, बलराम पाण्डेय। किसी अपने की मौत दुखदाई होती है, लेकिन अगर मौत के बाद भी दुश्वारियां झेलनी पड़े तो यह दर्द और भी बढ़ जाता है। ऐसा ही मामला ग्रेटर नोएडा की गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (जिम्स)  हॉस्पिटल से आया है।  जहां एक महिला के परिजन 3 दिनों से जिम्स अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं, ना तो उन्हें मृतिका की कोरोना जांच रिपोर्ट दी जा रही है, ना ही मृतका का शव सौंपा जा रहा है।  इधर, परिवार वालों को यह डर भी सता रहा है कि अगर मृतिका कोरोना पॉज़िटिव निकली, तो परिजनों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा है।


दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात रामफल नोएडा के सेक्टर 128 सुल्तानपुर के निवासी हैं। 4 मई को उनकी पत्नी को उल्टी होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी तबीयत पहले से ही खराब चल रही थी, अस्पताल प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण मिलने पर मरीज को  ग्रेटर नोएडा के कासना स्थित जिम्स अस्पताल रेफर कर दिया। जहां पर उसका सैंपल लिया गया। इलाज के दौरान 6 मई को सुबह 10 बजे पीड़िता ने दम तोड़ दिया था, लेकिन मरने के तीन दिन बाद भी मृतक की कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं आई है।


परिजन पिछले तीन दिनों से रिपोर्ट के लिए जिम्स में चक्कर काट रहे हैं। रिपोर्ट नहीं आने की वजह से अस्पताल वाले परिजनों को शव भी नहीं दिया जा रहा है। वहीं, इधर परिवार वालों को यह डर भी सता रहा है कि अगर मृतिका कोरोना पॉज़िटिव निकली तो परिजनों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा है। अगर ऐसा हुआ तो हम लोग जांच कराकर इलाज करा सकेंगे। अगर पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई है तो उसका शव परिजनों को दें, ताकि हम लोग अंतिम संस्कार कर सकें। स्वास्थ्य विभाग का कहना है रिपोर्ट के बारे में पता किया जा रहा है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही परिजनों को शव दे सकते हैं। अगर महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो विभाग की देखरेख में अंतिम संस्कार होगा।


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