Kasganj Railway Junction: यूपी के कासगंज में गुरुवार को जीएसटी (GST) और रेलवे उस वक्त आमने सामने आ गए जब कोलकाता आगरा एक्सप्रेस के एसएलआर में रेडीमेड कपड़ों के 240 नग यहां पहुंचे थे. इस माल की कीमत एक करोड़ रुपये के आसपास बताई गई है. जिसे लेकर जीएसटी विभाग (GST Department) ने आपत्ति जताई और इस पर टैक्स चोरी होने का शक जताया. वहीं रेलवे के अधिकारियों (Railway Officials) ने कहा कि अगर ऐसा हुआ भी हो तो भी वो यहां चेकिंग नहीं कर सकते उन्हें व्यापारी से इस बारे में पूछताछ करनी होगी. 


आमने सामने आए रेलवे और जीएसटी के अधिकारी


दरअसल, हुआ ये कि जीएसटी विभाग को इस बात की सूचना थी आज यहां पर माल आने वाला है. लिहाजा जीएसटी विभाग के सहायक आयुक्त और संयुक्त आयुक्त समेत 15 लोगों को टीम कासगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंच गई और गाड़ी से उतरते माल को चेक करने लगी. लेकिन जब ये सूचना आरपीएफ को मिली कि कुछ लोग रेलवे प्लेटफार्म पर माल चेक कर रहे हैं, तो RPF इंस्पेक्टर अपने दल बल के साथ प्लेटफार्म पर पहुंच गए और उन्होंने माल चेक कर रहे जीएसटी अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी. 


बिना जानकारी के पहुंचे जीएसटी अधिकारी


रेलवे के नियमों के मुताबिक वाणिज्य विभाग के किसी भी माल को सुरक्षित पहुंचाना रेलवे की जिम्मेदारी है. लिहाजा प्लेटफार्म से माल को लोड करने से लेकर अनलोडिंग के बाद व्यापारी के सुपुर्द होने तक ये जिम्मेदारी पूर्ण रूप से रेलवे के कमर्शियल डिपार्टमेंट और सुरक्षा की दृष्टि से आरपीएफ की होती है. अगर रेलवे से बाहर किसी विभाग को यह शक है कि भेजे गए माल पर किसी प्रकार की टैक्स चोरी हुई है, तो उसकी चेकिंग संबंधित विभाग को रेलवे परिसर के बाहर व्यापारी को माल सुपुर्द होने के बाद ही की जा सकती है. लेकिन जीएसटी विभाग ने बिना जानकारी दिए है जांच शुरू कर दी.


रेलवे ने जताया इस बात पर विरोध 


रेलवे के अधिकारियों ने इसका विरोध किया और जीएसटी की टीम को नियम समझाए. इसी बात को लेकर दोनों के बीच 5 घंटे तक की मशक्कत चलती रही लेकिन आखिरकार जीएसटी विभाग के अधिकारियों को झुकना पड़ा और फिर वो बैकफुट पर चली गई और उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा. कासगंज जंक्शन पर उतरे 240 नग पर 400000 रुपये की जीएसटी पेड होने की बात सामने आई है और लगभग एक करोड रुपए का यह गारमेंट बताया जा रहा है लेकिन रेलवे ने जीएसटी को इस पर किसी भी प्रकार का विश्लेषण करने की अनुमति रेलवे परिसर में रहने तक नहीं दी है.



इस बारे में बात करते हुए रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर ने बताया कि जीएसटी के अधिकारी बिना किसी अनुमति और सूचना के रेलवे प्लेटफार्म पर पहुंच गए, जिसकी जानकारी नहीं दी गई लिहाजा उन्हें रोक दिया गया. जब उन्होंने परिचय दिया तो उन्हें रेलवे का नियम बताया गया कि जब माल व्यापारी तक पहुंच जाएगा तब ही आप इस पर जीएसटी की चैकिंग कर सकते हैं. वहीं जीएसटी के संयुक्त आयुक्त ने अपनी कार्रवाई को नियम संगत बताया.  

 

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