Kanpur News: जालसाजों ने जीएसटी विभाग को चकमा देने के लिए फर्जीवाड़े का नया तरीका खोज लिया है. स्टेट जीएसटी (GST) की खुफिया विंग की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि बिजली बिल में फर्जीवाड़ा कर फर्जी फर्म बनाने का काम किया जा रहा है. दरअसल, घर के बाहर लगे मीटर के नंबर निकलवाने के बाद जालसाज बिजली बिल में टेंपरिंग कर नया नाम और पता दर्ज कर देते हैं. जिसे जीएसटी के पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है, लेकिन जीएसटी विभाग के अधिकारी जब नई खुली फर्म का वेरिफिकेशन करने पहुंचे तो उन्हें मामले की सच्चाई पता चली. अब विभाग इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहा है.
करोड़ों का फर्जीवाड़ा
कानपुर में बिजली देने वाली कंपनी केस्को ने पारदर्शी व्यवस्था कायम करने के लिए घरों के बाहर मीटर लगवाए थे. जालसाजों ने घर के बाहर लगे मीटरों का इस्तेमाल फर्जी फर्म बनाने में किया. सूत्रों की माने तो स्टेट जीएसटी विभाग को 100 से ज्यादा फर्जी फर्म मिली हैं. ये फर्म घर के बाहर लगे मीटरों में हेराफेरी के दम पर तैयार हुई और करोड़ों का चूना लगाकर फरार हो गई.
यूं होता था खेल
घर के बाहर लगे मीटर के नंबर को नोट कर लिया जाता है फिर केस्को सबस्टेशन जाकर बिल जमा करने के नाम पर डुप्लीकेट बिल निकलवाया जाता है. इस बिल में असली उपभोक्ता का नाम और पता साफ कर फर्जी फर्म का नाम पता फीड कर दिया जाता है. पते से छेड़छाड़ नहीं की जाती उसी पते पर फर्जी किरायानामा तैयार किया जाता है. जीएसटीएन पोर्टल में पते के प्रमाण के रूप में यही बिजली का बिल अपलोड कर दिया जाता है क्योंकि मीटर नंबर सही होता है इसलिए सॉफ्टवेयर की जांच में पकड़ में नहीं आता. घर के मालिक को जब पता चलता है तब तक करोड़ों का फर्जीवाड़ा कर फॉर्म लापता हो चुकी होती है.
सतर्कता बरतने की जरूरत
स्टेट जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर पीके सिंह ने बताया कि फर्जी फर्मों के खिलाफ छेड़े गए अभियान में स्टेट जीएसटी की खुफिया इकाई को जालसाजी के कई नए हथकंडे पकड़ में आए हैं. जीएसटी विभाग की माने तो इसमें केस्को की इसमें कोई भी गलती नहीं है, लेकिन बिजली उपभोक्ताओं को सतर्कता बरतने की जरूरत है.
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