पौड़ी: पौड़ी जिले में चौबट्टाखाल क्षेत्र के ऐकेश्वर ब्लाक में 51 वर्षीय सावित्री देवी ने अपने साहस का परिचय हमलावर गुलदार से भिड़कर दिया. 51 वर्षीय सावित्री देवी उस वक्त गुलदार से भिड़ गईं, जब वे अपने खेतों पर काम कर रही थी, तभी घात लगाये गुलदार ने सावित्री देवी को निवाला बनाने के पूरे प्रयास किये, लेकिन इसौटी गांव की वीर साहसी महिला के संर्घष के आगे गुलदार की एक न चली और आखिरकार गुलदार को वीर महिला के आगे घुटने टेकने पड़े, और उल्टे पांव गुलदार दुम दबा के भगाना पड़ा.
गुलदार से हुआ संघर्ष
सावित्री देवी ने खुद गुलदार से सामना होने के घटना को विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि, उनका सामना जैसे ही गुलदार से हुआ तो गुलदार ने उन पर झपट्टा मारा उन्हें निवाला बनाने के लिये उनके ऊपर चढ़ गया, तभी उन्होंने गुलदार से बचने के पूरे प्रयास किये और घास काटने के लिये इस्तेमाल की जाने वाली दरांती से गुलदार पर उन्होंने हमला कर अपनी जान बचाई, लेकिन, गुलदार से भिड़ंत होने पर वे इस हमले से गंभीर रूप से ज़ख्मी भी हो गईं. सावित्री देवी के हाथ समेत कई जगह गुलदार के हमले से वे चोटिल हो गयी. जिनका उपचार नजदीकी अस्पतल में चल रहा है.
पूरे क्षेत्र में गुलदार की दहशत
वहीं, इस घटना के बाद गुलदार को मार गिराने की मांग ने एक बार फिर से जोर पकडा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि, सावित्री देवी गुलदार से बचने के लिये उस पर हमला न करती तो उनका इस भिड़ंत में बच पाना संभव नहीं था. वहीं, इससे पूर्व भी गुलदार की सक्रियता से पूरे क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में दुबक रहे हैं और उनका घर से बाहर निकलना तक दुश्वार हो गया है.
सावित्रि देवी से पुरस्कार की मांग
वहीं, इस घटना पर कवींद्र इस्टवाल ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे किये हैं. उनका कहना है कि, पहाडवासियों का जीवन गुलदार की दहशत झेलने के लिये बना हुआ है. वहीं, कवींद्र इस्टवाल ने 51 वर्षीय सावित्री देवी को वीरता पुरस्कार व तीलू रौतेली पुरूस्कार दिये जाने की मांग सरकार से की है. जिनके संर्घष के कारण गुलदार दुम दबाके भाग गया. वहीं, डीएफओ गढवाल वन प्रभाग ने बताया कि, वे इस क्षेत्र में जल्द पिंजडा लगाने जा रहे हैं और वन विभाग टीम की गश्त भी यहां बढाने के निर्देश उन्होंने टीम को दे दिये हैं. डीएफओ ने बताया कि, जिले के 6 अलग अगल स्थानों में गुलदार की सक्रियता के कारण 6 स्थानों पर वे गुलदार को पकडने के लिये पिंजडा लगा चुके हैं और टीम को गश्त बढ़ाने के निर्देश भी दे चुके हैं.
ये भी पढ़ें.
उत्तराखंड में 15 सितंबर से सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए चलेगा अभियान, सीएम ने दिए निर्देश