Samrat Mihir Bhoj Statue Controversy: उत्तर प्रदेश के नोएडा में बुधवार को यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मिहिर भोज (Mihir Bhoj) की मूर्ति का अनावरण किया था, जिसमें हजारों की तादाद में यूपी और एनसीआर की जनता पहुंची थी. लेकिन कल कुछ ऐसा भी हुआ कि, योगी आदित्यनाथ के मंच से जाने के बाद से ही उनके और सरकार के खिलाफ वहां आए लोगों ने नारेबाजी (Protest) शुरू कर दी. दरअसल, पूरा मामला गुर्जर समाज और राजपूताना समाज के मतभेद (Gurjar and Rajput) को लेकर था. कल प्रोग्राम में आए गुर्जर समाज के लोगों में उस वक्त नाराजगी को देखने को मिली, जब गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति के नाम से गुर्जर शब्द को हटा दिया गया था, जिसके बाद से ही लगातार वाद विवाद बढ़ता जा रहा है और कल तेजपाल नागर एमएलए के घर के बाहर गुर्जर समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की.


राजपुत और गुर्जर एक पिता के वंशज 


इस पूरे मामले पर गाजियाबाद के लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी प्रतिक्रिया दी है. नंदकिशोर गुर्जर का कहना है कि, राजपूत और गुर्जर एक पिता के ही वंशज हैं, और समय के हिसाब से इन्हीं लोगों में से जातियां निकल कर सामने आई हैं. अब ऐसे में कुछ विपक्षी लोग इसको भुनाना चाहते हैं. हालांकि, समझदार लोग इस पर किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं उठा रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो भारत के इतिहास को नहीं जानते हैं, और बिना इतिहास जाने ही विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं.


बहरहाल, एक ही समुदाय के अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों में होने के चलते भी इस विरोध और नारेबाजी का होना लाजमी समझा जा रहा है. अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि, गुर्जर शब्द की राजनीति का रंग राजनीतिक तौर पर किस की ओर दिखाई देता है.



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