Gyanvapi Survey Case: वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कोर्ट को सौंपेगा या और वक्त मांगेगा, इस पर से आज पर्दा उठ जाएगा. बृहस्पतिवार शाम तक यह असमंजस बना हुआ था कि एएसआई ने अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं की है और वो ज्यादा समय मांग सकता है. 100 दिन से अधिक चले ASI सर्वे का कल आखिरी दिन था. सर्वे के दौरान 250 से अधिक अवशेषों को सुरक्षित रखा गया है. इसके अलावा अन्य सबूत भी जुटाए गए हैं. सभी सबूतों को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाना है. 


ASI मांग सकता है अतिरिक्त समय 
त्योहारों के अवकाश के कारण रिपोर्ट तैयार होने में देरी हुई है. ऐसे में शुक्रवार को जिला जज की अदालत में एएसआई के द्वारा रिपोर्ट दाखिल कर पाना संभव नहीं होगा. इसलिये ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार कर पेश करने के लिए एएसआई अदालत से एक बार फिर अतिरिक्त समय देने का अनुरोध कर सकता है. 


आज है रिपोर्ट दाखिल करने की मियाद 
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी में वजू खाने को छोड़कर बाकी परिसर का ASI सर्वे कराने का आदेश दिया था. 24 जुलाई को ASI टीम ने सर्वे कार्य शुरू किया था. 2 नवंबर को एएसआई ने कोर्ट को बताया कि सर्वे पूरा हो चुका है. रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिन का समय और चाहिए. जिस पर कोर्ट ने 17 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. 


देशभर से पुरातत्व विशेषज्ञ सर्वे में हुए शामिल
ज्ञानवापी में सर्वे करने वाली टीम में एएसआई के देश भर के विशेषज्ञ शामिल हुए थे. डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आलोक कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में सारनाथ, प्रयागराज, पटना, कोलकाता और दिल्ली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने सर्वे का काम किया. जीपीआर तकनीक से अध्ययन के लिए हैदराबाद से विशेषज्ञों का दल आया था. 


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