Gorakhpur News: ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा करने की कोर्ट से अनुमति मिलने से हिंदू समाज खुश है. गोरखपुर में विश्व हिंदू महासंघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने यज्ञ-हवन कर कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. इस अवसर पर विश्व हिंदू महासंघ के पदाधिकारी ने मुस्लिम समाज से भी देश की गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखने की अपील की है. 


गोरखपुर के गोलघर स्थित काली माता के मंदिर पर विश्व हिंदू महासंघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने यज्ञ और हवन किया. मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए खुशी जताई. इस अवसर पर विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा ने कहा कि कोर्ट के फैसले से हिंदू समाज काफी खुश है. उन्होंने कहा कि 30 से 31 साल पहले मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने ज्ञानवापी मंदिर पर ताला लटका हुआ दिया था. कोर्ट के निर्णय से 30 साल के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाना में पूजा करने का अधिकार मिला है. कोर्ट के निर्णय से वे लोग काफी खुश हैं.


'मुस्लिम समाज से समर्थन की मांग'
वर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंदिर निर्माण के संकल्प और उनके नेतृत्व में वे यज्ञ-हवन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोगों ने श्री राम जन्मभूमि निर्माण में भी समर्थन किया है, और उन्हें उम्मीद है कि ज्ञानवापी मामले में भी वे समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि यज्ञ के बाद भी शिव महापुराण का पाठ भी करेंगे. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर स्थित तहखाने में बाबा विश्वनाथ की कृपा से जो मूर्तियां मिली है, इससे पूरे सनातन धर्म के लोगों में खुशी है. राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों की सोच का नाश हो, इसी वजह से उन लोगों ने यह यज्ञ किया है. 


'पहले भगवान राम मिले अब शिव' 
राधाकांत वर्मा ने कहा कि पहले भगवान राम मिले हैं,और अब भगवान शिव भी मिल गए हैं.राधाकांत वर्मा ने कहा कि भगवान राम की पूजा करिए तो शिव प्रसन्न होते हैं, और भगवान शिव की पूजा करिए तो भगवान राम प्रसन्न होते हैं. रामराज्य आ गया है, इसलिए वे लोग यज्ञ कर भगवान राम और शिव दोनों को प्रसन्न कर रहे हैं. उनका कहना है, कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मुस्लिम समाज के लोग भी आगे आए हैं, और सहयोग करें. काशी में बनारसी और सिल्क साड़ियां मुस्लिम भाई ही बनाते हैं. ऐसे में वे मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं, कि विरोध छोड़कर भारत को विकसित भारत बनाने में बढ़-चढ़कर भाग लें.


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