Gyanvapi Case: ज्ञानवापी को सील करने, गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोकने की याचिका पर 8 अगस्त को सुनवाई, जानें-डीटेल्स
Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट आठ अगस्त को सुनवाई करेगा.
Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का आज दूसरे दिन भी एएसआई सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) जारी रहेगा. इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने और यहां पर गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में आठ अगस्त को सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच में आठ अगस्त को सुबह 10 बजे से सुनवाई शुरू होगी. इससे पहले 3 अगस्त को हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
इलाहबाद हाईकोर्ट ने अपने 3 अगस्त के आदेश में वाराणसी जिला जज के आदेश को को सही करार देते हुए सर्वे पर रोक लगाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, इसके बाद 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. बुधवार को जितेंद्र सिंह बिसेन,राखी सिंह व अन्य की तरफ से एक और जनहित याचिका दायर की गई है. इसमें श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर मुकदमा दाखिल करने वाली प्रथम वादिनी राखी सिंह हैं
गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की याचिका
इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता है तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए. ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए इसके साथ ही कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि इस तरह की व्यवस्था की जाए जिसने ज्ञानवापी में एएसआई सर्वेक्षण का काम प्रभावित न हो. याचियों की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की है. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच 8 अगस्त को इस पर सुनवाई करेगी.
आपको बता दें कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आज दूसरा दिन है, एएसआई की टीम रेडिएशन तकनीक के जरिए आज जांच को आगे बढ़ाएंगी. इससे पहले शुक्रवार को ज्ञानवापी की दीवारों, खंबों और हिंदू प्रतीक चिन्हों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी.