Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में कल आएगा फैसला, ASI ने मांगा था चार हफ्ते का समय
Varanasi Court News: वाराणसी की जिला अदालत के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया है. जिसकी रिपोर्ट जिला कोर्ट को सौंपी जा चुकी है.
Gyanvapi Case: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले में गुरुवार को एक बार फिर फैसला टल गया है. अब 5 जनवरी को यानी कल फैसला आएगा. इस मामले में बुधवार को कोर्ट का फैसला आना था, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बुधवार को वाराणसी की अदालत से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की अपनी रिपोर्ट को कम से कम चार और हफ्तों तक सार्वजनिक नहीं करने का आग्रह किया था. जिसके बाद आज की तारीख तय की गई थी.
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बुधवार को बताया था कि एएसआई ने सीलबंद सर्वेक्षण रिपोर्ट खोलने से पहले अदालत से चार सप्ताह का और समय मांगा है. यादव ने कहा कि एएसआई ने चार सप्ताह का समय मांगते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया फैसले का हवाला दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की मौजूदगी वाली जगह पर कथित मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग संबंधी मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षों की कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था ये निर्देश
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वर्ष 1991 का पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम किसी प्रार्थनागृह के धार्मिक चरित्र को परिभाषित नहीं करता है और इसे केवल विरोधी पक्षों द्वारा अदालत में प्रस्तुत साक्ष्य के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत को इस मामले को छह महीने के अंदर निपटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि अगर जरूरी हो तो निचली अदालत एएसआई को आगे के सर्वेक्षण के लिए निर्देश दे सकती है.
एएसआई ने सर्वे कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी
जिला अदालत के 21 जुलाई 2023 के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था. इसका उद्देश्य ये पता लगाना था कि 17 वीं शताब्दी में बनी ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं. जिला अदालत में बुधवार को सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष ने कहा था कि मस्जिद के 'वजूखाने' की सफाई के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति मांगी जाए क्योंकि वहां कई मछलियां मर गई हैं.
वजूखाना को लेकर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई
मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वजूखाना उसकी संपत्ति है और इसे साफ करने की जिम्मेदारी उसे ही दी जानी चाहिए. हिंदू पक्ष ने जिला अदालत को बताया था कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर वजूखाना सील कर दिया गया है. ऐसे में उसकी सफाई या तो वह करे या फिर प्रशासन कराये. इस मामले पर भी अदालत को गुरुवार को फैसला सुनाना था, लेकिन अब शुक्रवार को फैसला आएगा.
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