Gyanvapi Case: ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने को डीएम को सौंपने के मामले में सुनवाई पूरी, जानें- कब आएगा फैसला?
Gyanvapi News: ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने मामले में बुधवार को वाराणसी कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हिन्दू पक्ष के वकील ने तहखाने को डीएम को सौंपने की मांग की.
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Gyanvapi Masjid Case News: ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने को डीएम को देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को वाराणसी कोर्ट (Varanasi Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान हिन्दू पक्ष ने व्यास जी के तहखाने को डीएम को सौंपने के पक्ष में अपनी दलील दी और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अंजुमन इंतजामिया कमेटी इस तहखाने पर भी कब्जा कर लेगी.
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने वाराणसी कोर्ट में हुई बहस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि व्यास परिवार का तहखाना खाली पड़ा हुआ है, उसका दरवाजा टूट चुका है और वहां ऐसी स्थिति है कि अंजुमन इंतजामिया उस पर कभी भी कब्जा कर सकती है. सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अंजुमन इंतजामिया ने पहले ओरल बहस में कहा कि उनकी कब्जा करने की कोई मंशा नहीं है और जो एफिडेविट फाइल किया है, उसमें कहा कि पिछले सौ साल से हम यहां कब्जे में चले आ रहे हैं.
हिन्दू पक्ष के वकील ने दी जानकारी
विष्णु जैन ने कहा कि सर्वे के दौरान भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे लगता है कि वो व्यासजी के तहखाने पर कब्जा कर सकते हैं. इसलिए हमने ये एप्लीकेशन फाइल की है कि ऑर्डर 40 रूल वन के तहत डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को वाराणसी को रिसीवर के तौर पर नियुक्त किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है. 18 नवंबर को फैसला पारित किया जाएगा. वहीं एएसआई सर्वे की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि 17 नवंबर को एएसआई सर्वे की रिपोर्ट आएगी, वो बड़ा एतिहासिक दिन होगा, जिसमें पता चलेगा कि ज्ञानवापी परिसर के 92 दिन के सर्वे में क्या कुछ हुआ वो सबके सामने आ जाएगा.
जानें- क्या है पूरा मामला
बता दें कि याचिकाकर्ता शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने बीते 25 सितंबर को ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी का तहखाना डीएम को सौंपने के लिए कोर्ट में याचिका दी थी. जिसमें कहा था कि व्यासजी का तहखाना सालों से उनके परिवार के कब्जे में रहा है. 1993 के बाद प्रदेश सरकार के आदेश से तहखाने की ओर बैरिकेडिंग कर दी गई. अभी तहखाने का दरवाजा खुला है. ऐसे में इस पर कब्जा हो सकता है इसलिए इसे डीएम को सौंप दिया जाए.
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