Gyanvapi Case: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से कराए जाने की मांग से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को एक बार फिर से सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें पेश की गई. हिंदू पक्ष ने सुनवाई में वजूखाने के सर्वेक्षण को विवादित परिसर का रिलिजियस कैरेक्टर निर्धारित करने के लिए बेहद जरूरी बताया. कहा गया कि शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने के बाकी हिस्से का भी सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए. 


हिंदू पक्ष की तरफ से मंगलवार को कोर्ट में दलील दी गई कि हाईकोर्ट ने पिछले साल कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. दलील दी गई कि उस याचिका में शिवलिंग का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग थी, जबकि राखी सिंह की इस याचिका में शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने के बाकी हिस्से का सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है. अदालत ने इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ तिवारी से पुरानी याचिका की कॉपी पेश करने को कहा. 


एक हफ्ते की मोहलत
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने इस पर कुछ दिनों की मोहलत दिए जाने की मांग की. हाईकोर्ट ने कागज दाखिल करने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी है. हाईकोर्ट इस मामले में अब एक अक्टूबर को दोपहर दो बजे से सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में हो रही है. इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी पिछले महीने ही अपना जवाब दाखिल कर चुकी है. मस्जिद कमेटी के हलफनामे में राखी सिंह की इस अर्जी को खारिज किए जाने की सिफारिश की गई है. 


मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाना परिसर को पूरी तरह संरक्षित रखने का आदेश दिया है. ऐसे में उस जगह पर कोई सर्वेक्षण नहीं किया जा सकता है. इस बारे में वाराणसी की जिला अदालत का फैसला पूरी तरह सही है और राखी सिंह की अर्जी को खारिज कर दिया जाना चाहिए. ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तरफ से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अब्बास नकवी दलीलें पेश कर रहे हैं, जबकि हिंदू पक्ष की तरफ से सौरभ तिवारी बहस कर रहे हैं.


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वैज्ञानिक सर्वे की है मांग
श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में यह पुनरीक्षण यानी रिवीजन अर्जी दाखिल की गई है. इस अर्जी के जरिए ज्ञानवापी परिसर के बाकी हिस्से की तरह वजूखाने का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से कराए जाने की मांग की गई है. कहा गया है कि सर्वे एजेंसी वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए सर्वेक्षण कर सकती है. सर्वेक्षण की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत में चल रहे श्रृंगार गौरी केस के निपटारे में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. वजूखाने के हिस्से से भी हिंदुओं के कई प्रतीक चिन्ह मिल सकते हैं. 


मई 2022 में एडवोकेट कमीशन के दौरान कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था. वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर वजूखाने को सील किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया पिछले साल वजू खाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के पूरे हिस्से का सर्वेक्षण कर चुका है. सर्वेक्षण में हिंदुओं के कई प्रतीकचिन्ह मिलने के दावे किए जा रहे हैं.