Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे का आदेश देने वाले जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश को सेवानिवृत्त होने के बाद लखनऊ की शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी में लोकपाल नियुक्त किया गया है. अब वो यहां के छात्रों की शिकायतों का निस्तारण करेंगे. रिटायरमेंट से पहले उन्होंने व्यास जी के तहखाने में हिन्दू पक्ष को दोबारा पूजा करने की अनुमति भी दी थी, जिसके बाद वो काफी सुर्खियों में रहे.
लखनऊ के शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी राज्य सरकार द्वारा संचालित होती है. बीती 31 जनवरी को हो वो रिटायर हुए थे, जिसके बाद उन्हें यूनिवर्सिटी में लोकपाल बनाया गया है. लोकपाल पद कि लिए दस साल के अनुभव वाले रिटायर्ड जज की योग्यता चाहिए थी. इसके अलावा दस साल के अनुभवी प्रोफेसर भी आवेदन दे सकते थे.
ज्ञानवापी केस को लेकर रहे सुर्खियों में
न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश्वर ने पिछले साल 21 जुलाई ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के आदेश दिए थे कि क्या मौजूदा संरचना से पहले यहां हिन्दू मंदिर था या नहीं. उन्होंने इसी साल 25 जनवरी को एएसआई की रिपोर्ट वादियों को सौंपने के भी निर्देश दिए इसके अलावा उन्होंने अपने अंतिम कार्य दिवस 31 जनवरी को ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में पूजा की अनुमति का आदेश भी दिया था.
जिला कोर्ट के आदेश के बाद तत्काल ज़िलाधिकारी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अधिकारियों ने व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना शुरू कर दी थी. यहां तक पहुंचने के लिए नंदी जी के बगल से बैरिकेडिंग कर रास्ता बनाया गया और दूसरी व्यवस्थाएं की गईं.
अजय कृष्ण विश्वेश मूल रूप से हरिद्वार के रहने वाले हैं. उनका जन्म 7 जनवरी 1964 को हुआ था. विश्वेश ने जून 1990 में मुंसिफ कोटद्वार, पौडी गढ़वाल में अपनी न्यायिक सेवा शुरू की. 1991 में उनका ट्रांसफ़र सहारनपुर हो गया. इसके बाद वो देहरादून में भी न्यायिक मजिस्ट्रेट बने. उन्हें 2021 में जिला और सत्र न्यायाधीश, वाराणसी के रूप में तैनात किया गया था.