Gaynvapi News: ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के मामले में जिला अदालत द्वारा दिए गए फैसले के बाद हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, 'आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी कि ASI की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी. ASI ईमेल के माध्यम से रिपोर्ट प्रदान करने पर आपत्ति जता रही थी इसलिए दोनों पक्ष रिपोर्ट की हार्ड कॉपी प्राप्त करने पर सहमत हुए.'
उन्होंने कहा कि अदालत ने आज दोनों पक्षों की बात सुनी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस बात पर सहमति बनी कि एएसआई की रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति दोनों पक्षों को उपलब्ध कराई जाए. जैसे ही अदालत आदेश पारित करेगी, हमारी कानूनी टीम प्रमाणित प्रति के लिए आवेदन करेगी.'
वहीं ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष का भी बयान आया है. मुस्लिम पक्ष अधिवक्ता ने कहा- जिला जज ने रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने के लिए कोई आदेश नहीं दिया. ASI रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए हम लोग भी नकल के लिए अप्लाई करेंगे. मुस्लिम पक्ष के वकील तौहीद खान ने कहा - ASI रिपोर्ट पढ़ने के बाद इसका अध्ययन करेंगे और फिर जवाब देंगे.
अदालत ने आदेश में कही ये बात
समचाार एजेंसी पीटीआई के अनुसार हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने को बताया कि जिला जज ए के विश्वेश ने अपने आदेश में कहा है कि ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को सौंपी जाए. मुस्लिम पक्ष ने इस दौरान जिला जज के समक्ष मांग रखी कि सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों तक ही रहे, उसे सार्वजनिक न किया जाए.
इस पर जिला जज ने कहा कि सभी पक्षकार रिपोर्ट को अपने तक रखने और सार्वजनिक न करने का बंध पत्र अदालत में जमा करा कर सर्वे रिपोर्ट प्राप्त करें.
यादव ने बताया कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक कोर्ट) प्रशांत सिंह की अदालत में आज ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट दाखिल कर दी, जिसके बाद जिला जज ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट को सभी पक्षकारों को सौंपे जाने का आदेश दिया है. यह रिपोर्ट शाम चार बजे तक उपलब्ध होने की संभावना है.
जिला अदालत के पिछले साल 21 जुलाई के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं.