(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ज्ञानवापी केस को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग, सुनवाई में देरी से हिंदू पक्ष नाराज
Gyanvapi Case: हिंदू पक्ष का कहना है कि 31 जनवरी से अब तक ज्ञानवापी मामले के ट्रायल में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है. इसलिए ओरिजिनल ट्रायल अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही होना चाहिए.
Gyanvapi Case News: वाराणसी ज्ञानवापी से जुड़े अलग-अलग मामलों को लेकर आज शनिवार (5 अक्टूबर) को जिला अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी हिंदू पक्ष की तरफ से दलील रखते हुए नजर आए. आज की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की नाराजगी भी देखने को मिली.
इस दौरान अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है कि बीते 11 महीना से ज्ञानवापी मामले की सुनवाई में देरी हुई है. इसका साफ असर मुकदमे पर पड़ा है और इसीलिए हिंदू पक्ष के अधिवक्ता की तरफ से जिला अदालत में यह पक्ष रखा गया कि 1991 मूल वाद सहित ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ जिला अदालत में होनी चाहिए. अब ज्ञानवापी मामले को लेकर वाराणसी के जिला अदालत में अगली तारीख 19 अक्टूबर तय की गई है.
ज्ञानवापी मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर किया जाए
वाराणसी ज्ञानवापी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि आज ज्ञानवापी मामले से जुड़े विषय को लेकर हमारी एक विशेष मांग है कि इस सेंसिटिव मामले की सुनवाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा की जाए. इलाहाबाद हाई कोर्ट में तीन जजों की बेंच ओरिजिनल ट्रायल करें.
इसको लेकर हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. यह आस्था से जुड़ा हुआ मामला है, विधिक और संवैधानिक विरोधाभास होने की आशंका है. इसलिए पूरे मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में होनी चाहिए और वहां पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के अंतर्गत ही इसकी सुनवाई होनी चाहिए. इससे पहले हमने देखा कि श्री राम जन्मभूमि के मामले की भी सुनवाई हाई कोर्ट में हुई. इसके अलावा कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह से जुड़े 15 ऐसे सिविल सूट है जिसका इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रहा है.
सुनवाई में देरी से हिंदू पक्ष नाराज
हिंदू पक्ष का कहना है कि 31 जनवरी से अब तक ज्ञानवापी मामले के ट्रायल में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है. इसलिए ओरिजिनल ट्रायल अब इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही होना चाहिए. हिंदू पक्ष का यहां तक कहना है कि वाराणसी के जिला अदालत में बहुत सारे विरोधाभास उत्पन्न होने के आसार हैं. कांट्रडिक्ट्री ऑर्डर पास हो सकते हैं. इसलिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के अंतर्गत वाराणसी के ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में होनी चाहिए. अब वाराणसी के जिला अदालत में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी.
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