Gyanvapi News: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में आज जुमे की नमाज के दौरान विवादित तकरीर की गई. शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने विवादित तकरीर की. जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों में खुतबा यानी तकरीर होती है. खुतबे में मस्जिद में मौजूद नमाजियों व दूसरे लोगों के लिए संदेश जारी किए जाते हैं.


व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना शुरू होने के विवाद और बंदी की अपील के बीच ज्ञानवापी परिसर में आज हुई जुमे की नमाज में तकरीबन बारह सौ लोग नमाज़ पढ़ने के लिए पहुंचे थे. नमाज से पहले शहर मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी ने तकरीबन 20 मिनट तक तकरीर की.


मौलाना नोमानी ने अपनी तकरीर में केंद्र और यूपी की सरकारों पर जमकर निशाना साधा. कहा, मुल्क में इन दिनों बदले की भावना रखने वाली हुकूमतें काम कर रही हैं. एक खास तबके को निशाना बनाकर उन पर जुल्म किए जा रहे हैं. पिछले कुछ सालों से एक खास तबके को टारगेट किया जा रहा है. उनकी मस्जिदों और दूसरे इबादतगाहों को निशाना बनाया जा रहा है.


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उन्होंने कहा कि अदालतें भी हमें सुने बिना ही मनमाने तरीके से जल्दबाजी में फैसले सुना रही हैं. तमाम मामले बरसों बरस से लटके हुए हैं लेकिन मुसलमानों की इबादतगाहों के मामले में 2 दिन में ही फैसले सुना दिए जाते हैं. महज़ सियासी फायदे के लिए एजेंडे के तहत हमें यानी मुसलमानों को टारगेट कर परेशान किया जा रहा है.


मौलाना ने कहा कि व्यास जी के तहखाने को मनमाने तरीके से खुलवाकर वहां पूजा शुरू कराई गई है. अदालत ने भी हमारा पक्ष नहीं सुना और हमारी आपत्तियों को नजरंदाज किया. पूरे देश में मुसलमानों को लेकर ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है.


'हुकूमत भले ही जालिम हो गई हो लेकिन दुआ ....'
उन्होंने कहा कि ताकत के जरिए ही इबादतगाहों को खत्म करने की कोशिश हो रही है. ज्ञानवापी को भी बाबरी जैसा बनाने की कोशिश की जा रही है जबकि सैकड़ों सालों से मुसलमानों ने ही आगे रहकर इस मुल्क के लिए लड़ाई लड़ी है. ज्ञानवापी मस्जिद ही है और आगे भी रहेगी. मुसलमानों को इन हालातों को समझना होगा और सूझ-बूझ से काम लेना होगा.


मौलाना ने कहा कि हमें अपना ईमान को और पुख्ता करना होगा. अगर हम पुख्ता ईमान के साथ इबादत करते रहे तो खुदा एक दिन कोई ऐसा रास्ता निकालेगा कि सब कुछ पहले की तरह ठीक हो जाएगा. पिछले कुछ सालों में मुल्क के हालात एकदम बदल गए हैं. खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने तकरीबन 1200 नमाजियों के बीच माइक पर तकरीर पेश की. यह तकरीर लाउडस्पीकर पर प्रसारित भी हो रही थी.


तकरीर के वक्त दर्जनों की संख्या में पैरामिलेट्री फोर्स और पुलिस के जवान मस्जिद परिसर में ही मौजूद थे. खुतबे के बाद ज्ञानवापी मस्जिद को बचाने के लिए विशेष दुआ भी की गई. सुप्रीम कोर्ट समेत दूसरी अदालतों से आने वाले फैसले मुसलमानों के हक में आए, इसके लिए भी विशेष दुआ की गई. शहर मुफ्ती ने नमाजियों को सामूहिक तौर पर विशेष दुआ कराई. कहा गया की हुकूमत भले ही जालिम हो गई हो लेकिन दुआ काम आएगी.