Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी मामले में ASI टीम को सर्वे के लिए मिला अतिरिक्त समय, मस्जिद कमेटी की आपत्ति हुई खारिज
Gyanvapi Case News: ज्ञानवापी का सर्वे तब शुरू हुआ था जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि यह कदम 'न्याय के हित में आवश्यक' है.
Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूरा करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया. सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की आपत्ति को खारिज कर दिया और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण कार्य को पूरा करने के लिए एएसआई को आठ सप्ताह का और समय प्रदान किया.
प्रभारी जिला न्यायाधीश (एडीजे-प्रथम) संजीव सिन्हा ने गत शनिवार को मामले को जिला न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई के लिए आठ सितंबर को सूचीबद्ध किया था क्योंकि उस समय जिला न्यायाधीश छुट्टी पर थे. एएसआई की टीम यह निर्धारित करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रही है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था.
सर्वेक्षण तब शुरू हुआ जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि यह कदम 'न्याय के हित में आवश्यक' है और इससे हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को लाभ होगा.
बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने वाराणसी की एक अदालत में एक आवेदन दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण की अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए आठ सप्ताह का और समय मांगा था. एएसआई 4 अगस्त से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सीलबंद हिस्से को छोड़कर बैरिकेड वाले क्षेत्र में सर्वेक्षण कर रहा है. एएसआई की ओर से भारत सरकार के स्थायी सरकारी वकील अमित कुमार श्रीवास्तव ने अर्जी दाखिल की है. वहीं अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को पत्र लिखकर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वेक्षण को रोकने की मांग की थी.