Gyanvapi Case: वाराणसी ज्ञानवापी के मूल वाद और श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन से जुड़े अनेक मामलों की सुनवाई वाराणसी जिला न्यायालय में लगातार जारी है. इसी क्रम में आज वाराणसी ज्ञानवापी से जुड़े व्यासजी के तहखाने मामले में सुनवाई होनी तय है. इससे पहले बीते 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को वाराणसी जिला प्रशासन को देखरेख़ के लिए सौंप दिया गया था. इस मामले में आज आगे सुनवाई की जाएगी. वहीं दूसरी तरफ आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) की सर्वे रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंप दी गई है.


दरअसल वाराणसी ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाना में नियमित दर्शन पूजन का अधिकार शैलेंद्र कुमार पाठक द्वारा मांगा जा रहा है. उनका कहना है कि जिस प्रकार 1993 के पूर्व व्यास जी के तहखाने में नियमित दर्शन पूजन होता था उसी प्रकार अब उसका अधिकार दिया जाए. इसको लेकर वाराणसी जिला न्यायालय में सुनवाई चली. जिला जज ने बीते 17 जनवरी को वाराणसी ज्ञानवापी परिसर के व्यासजी के तहखाना की जिम्मेदारी वाराणसी जिला प्रशासन को सौंप दी है, आज इस मामले पर सुनवाई होगी. माना जा रहा है कि दोपहर बाद वाराणसी के जिला न्यायालय में इसकी सुनवाई की जाएगी.


दोनों पक्षों को सौंपी जा चुकी है ASI रिपोर्ट 
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में तकरीबन 92 दिनों तक आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) के सर्वे का कार्य चला. इसके बाद एएसआई द्वारा चार बार रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त अवधि की मांग भी जिला न्यायालय से की गई. बीते 25 जनवरी की रात वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश पर दोनों पक्षों को ASI द्वारा तैयार किए गए 839 पन्ने की रिपोर्ट सौंप दी गई, जिसके बाद हिंदू पक्ष ने एएसआई सारांश के आधार पर इस पूरे ज्ञानवापी परिसर का इतिहास सनातन धर्म से जुड़ा बताया. जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि - अभी पूरे रिपोर्ट को पढ़कर ही उसका उचित जवाब दिया जाएगा. हालांकि प्रारंभिक दौर में मुस्लिम पक्ष ने भी ASI रिपोर्ट को एक पक्षीय आधार पर तैयार करने जैसा बताया है.


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