Gyanvapi ASI Survey News: ज्ञानवापी परिसर में बचे तहखानों की भी ASI सर्वे की मांग, आज होगी कोर्ट में सुनवाई
Gyanvapi Case News: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में वादिनी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी की तरफ से शेष बचे तहखाना और स्थलों में ASI सर्वे को लेकर मांग की गई थी. जिसकी सुनवाई आज 2 बजे होगी.
Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी के काशी ज्ञानवापी परिसर मामला लगातार देश में सुर्खियों में बना हुआ है. इसी बीच आज एक बार फिर वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित एक मामले की सुनवाई जिला न्यायालय में होना निश्चित है. दरअसल वादिनी राखी सिंह द्वारा ज्ञानवापी परिसर के शेष बचे तहखानों और अन्य स्थलों पर ASI सर्वे की मांग की गई थी. जिसमें पिछली तारीख को हुई सुनवाई के बाद 28 फरवरी को तारीख सुनिश्चित की गई थी. आज तकरीबन 2:00 बजे इस मामले पर सुनवाई होगी.
वाराणसी जिला कोर्ट द्वारा 31 जनवरी को ही व्यास तहखाना में पूजा पाठ व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को आदेश दिया था. ऐसे में आज होने वाले सुनवाई में देखना अहम होगा कि क्या वाराणसी जिला न्यायालय की तरफ से शेष बचे तहखाने और क्षेत्र में भी ASI सर्वे की इजाजत दी जाती है या नहीं.
क्या शेष बचे तहखानों में भी होगा ASI सर्वे
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में कुल 92 दिनों तक ASI सर्वे चला. इनमें से कुछ ऐसे भी क्षेत्र व तहखाने रहे जहां पर ASI सर्वे नहीं हुआ. वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी की तरफ से दाखिल वाद में शेष बचे तहखाने और क्षेत्रों की ASI सर्वे की मांग की गई है. पिछले 15 फरवरी को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी अपनी दलील रखी. जिसमें मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई. इस मामले में वाराणसी जिला न्यायालय की तरफ से आज की तारीख 28 फरवरी तय की गई थी. इस मामले में आज तकरीबन दोपहर 2:00 के बाद सुनवाई होगी.
व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा
वाराणसी जिला कोर्ट द्वारा 31 जनवरी को बड़ा आदेश देते हुए ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास तहखाना में पूजा पाठ व्यवस्था प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को आदेश दिया गया था. जिसके बाद वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने नियमित पूजा पाठ शुरू हो चुका है. इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपत्ति जताई गई थी. और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया, जिसके बाद व्यास तहखाने में पूजा पाठ जारी है. हालांकि इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया है.
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