Gyanvapi News: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की नियमित पूजा की मांग से जुड़े मुकदमे की पोषणीयता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान बुधवार को हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि काशी विश्वनाथ अधिनियम के तहत भक्त भी अपने पूजा के अधिकार के लिए वाद दायर कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि यदि काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रबंधन करने वाला काशी विश्वनाथ बोर्ड अपने अधिकारों का उपयोग नहीं करता है तो भक्तों के लिए वाद दायर करने पर कोई रोक नहीं है और वे इस संबंध में वाद दायर कर सकते हैं.
तय तिथि के मुताबिक, बुधवार को इस मामले में सुनवाई शुरू हुई. हालांकि कुछ देर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को करने का निर्देश दिया.
पांच हिन्दू महिलाओं ने दाखिल किया है वाद
उल्लेखनीय है कि पांच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना की अनुमति मांगते हुए वाराणसी की अदालत में वाद दायर किया है जिसकी पोषणीयता पर अंजुमन इंतेजामिया की आपत्ति निचली अदालत ने खारिज कर दी. अंजुमन इंतेजामिया ने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
अंजुमन इंतेजामिया की याचिका खारिज करते हुए वाराणसी के जिला जज ने 12 सितंबर के अपने आदेश में कहा था कि इन पांच हिंदू महिलाओं का वाद, पूजा स्थल अधिनियम, वक्फ कानून और यूपी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम से बाधित नहीं होता.
दीन मोहम्मद का मामला ज्ञानवापी मामले में लागू नहीं होगा- हिंदू पक्ष
इससे पहले मंगलवार को हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि दीन मोहम्मद का मामला यहां लागू नहीं होगा क्योंकि उस मामले में हिंदू समुदाय से किसी को पक्षकार नहीं बनाया गया था.
अधिवक्ता ने दलील दी कि वर्ष 1937 में दीन मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति ने यह घोषणा करने की मांग करते हुए वाद दायर किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से जुड़े वाद में उल्लिखित संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित की जाए. उस वाद में भी वादी के गवाहों ने स्वीकार किया था कि उस स्थान पर हिंदुओं द्वारा पूजा की जा रही है.
दीन मोहम्मद मामला, विवादित स्थल पर तीन गुंबदों को वक्फ की संपत्ति घोषित करने के लिए दायर किया गया था.
तय तिथि के मुताबिक, मंगलवार को इस मामले में सुनवाई शुरू हुई. हालांकि कुछ देर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने इस मामले में अगली सुनवाई 14 दिसंबर को करने का निर्देश दिया.
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