UP News: प्रतापगढ़ कोर्ट (Pratapgarh Court) का निर्णय आने के बाद ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मामले में हिन्दू पक्ष आगे की रणनीति तय करेगा. एक कार्यक्रम में शिरकत करने आई मुख्य पक्षकार रंजना अग्निहोत्री (Ranjana Agnihotri) ने एबीपी गंगा से खास बातचीत में इस बात का खुलासा किया. ज्ञानवापी के बजाय श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) के नाम से याचिका दायर किए जाने पर उनसे सवाल हुआ. तब उन्होंने कहा कि आदि काल से माता श्रृंगार गौरी की पूजा की जा रही है. 1936 में दीन मोहम्मद के आदेश में भी इस बात के पुख्ता प्रमाण थे.
मुस्लिम प्रतिकों को लेकर क्या बोले?
उन्होंने कहा कि 1991 में आदि विश्वेश्वर का सूट भी पेंडिंग था. इन्ही पुरानी जानकारियों के आधार पर मैंने माता श्रृंगार गौरी की ओर से बतौर वाद मित्र मामला दायर किया था. वहीं मुस्लिम प्रतीकों पर उनकी आगे की रणनीति पर सवाल पूछे जाने के जवाब में उन्होंने कहा की मुस्लिम प्रतीकों और उनके धर्म से मुझे कोई ऐतराज नहीं है. मेरी लड़ाई सिर्फ प्राचीनतम हिन्दू धार्मिक विरासतों को बचाने को लेकर है. हम अपनी संस्कृति को फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.
इस संगठन के द्वारा उठ रहा मुद्दा
उन्होंने कहा कि हिन्दू साम्राज्य संगठन नाम के संगठन के बैनर तले वो लोग हिन्दू विरासतों जिन्हें तोड़ कर छिन्न-भिन्न किया गया है, उनका मामला उठाया जा रहा है. अभी ताजमहल, मथुरा विवाद और कुतुबमीनार का मामला भी पेंडिंग है. इन सभी को लेकर हिन्दू आस्था से जुड़े हुए मजबूत तथ्य हमारे पास हैं. उन्होंने कहा कि संगठन के संरक्षक हरिशंकर जैन के नेतृत्व में ये संगठन काम कर रहा है, न तो इसका किसी राजनीतिक दल से कोई मतलब है और न ही भविष्य में किसी भी तरह की कोई इस बारे में योजना है.
ये भी पढ़ें-