Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के विवादित स्थल का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से सर्वेक्षण कराए जाने से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई आज पूरी नहीं हो सकी. आज की सुनवाई में भी एएसआई के डायरेक्टर जनरल का हलफनामा दाखिल नहीं होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई और केंद्र सरकार के कल्चरल डिपार्टमेंट पर दस हजार रुपये का हर्ज़ाना लगाया. अदालत ने तीन दिनों के अंदर हलफनामा दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया.


हिंदू पक्ष ने केंद्र पर लगाया मुस्लिम पक्ष की मदद करने का आरोप


अदालत ने कहा कि इसके बाद कोई मौका नहीं दिया जाएगा. इस दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से अदालत में आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार याचिकाकर्ताओं यानी मुस्लिम पक्ष की मदद कर रही है और इसी वजह से बार-बार समय दिए जाने के बावजूद एएसआई की तरफ से हलफनामा दाखिल नहीं किया जा रहा है. अदालत इस मामले में अब 31 अक्टूबर को दोपहर दो बजे से सुनवाई करेगी. मामले की सुनवाई जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में हुई.


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इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़े 5 मुकदमों की सुनवाई पिछले काफी दिनों से एक साथ चल रही है. इनमें से तीन मुकदमे 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए वाद की पोषणीयता से जुड़े हुए हैं, जबकि बाकी दो मामले वाराणसी की जिला अदालत द्वारा पिछले साल ज्ञानवापी के विवादित परिसर का सर्वेक्षण एएसआई से कराए जाने के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई याचिकाओं के हैं. इनमें से तीन याचिकाओं पर सुनवाई इसी साल 12 सितंबर को पूरी हो चुकी है, जबकि एएसआई सर्वेक्षण के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई मुस्लिम पक्ष की दो याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है.


ये दो याचिकाएं ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल की गई हैं. मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर एएसआई के डीजे से इस बारे में राय हलफनामे के तौर पर कोर्ट में दाखिल करने को कहा था. पिछली दो सुनवाइयों में एएसआई  के अधिकारी ना तो कोर्ट में उपस्थित हुए और ना ही उनकी तरफ से कोई हलफनामा दाखिल किया गया.


हाईकोर्ट में आज भी इस मामले की सुनवाई होनी थी. आज दोपहर 2:00 बजे से होने वाली सुनवाई में भी ना तो एएसआई के डायरेक्टर जनरल कोर्ट में मौजूद हुए और ना ही उनकी तरफ से कोई हलफनामा दाखिल किया गया. केंद्र सरकार के वकील ने बताया कि एएसआई के डायरेक्टर जनरल बीमार हैं. इसी वजह से वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके हैं. कोर्ट ने इस पर गहरी नाराजगी जताई और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर डायरेक्टर जनरल बीमार हैं तो उनकी जगह काम देख रहे किसी अफसर को कोर्ट में मौजूद रहना था या वकील के जरिए हलफनामा दाखिल करना चाहिए था.


'एएसआई के प्रभारी अफसर 3 दिनों में दाखिल करें हलफनामा'


अदालत ने डायरेक्टर जनरल के मेडिकल सर्टिफिकेट को भी नहीं माना और केंद्र सरकार के कल्चरल डिपार्टमेंट पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगा दिया. अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए एएसआई के प्रभारी अफसरों को 3 दिनों के अंदर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. ज्ञानवापी से जुड़े हुए एक अन्य मामले में कल यानी 19 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है.


विवादित परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 17 अक्टूबर को की गई सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से सभी रिकॉर्ड तलब कर लिए थे. कल 19 अक्टूबर को इसी मामले में जस्टिस जेजे मुनीर की बेंच में सुनवाई होगी.