Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण एएसआई यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने के आदेश से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. सुनवाई पूरी होने के बाद एएसआई सर्वेक्षण के आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग वाली दोनों अर्जियों पर हाईकोर्ट ने जजमेंट रिजर्व रखा है. बता दें कि 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए मुकदमे की पोषणीयता से जुड़ी तीन अर्जियों पर हाईकोर्ट पहले ही जजमेंट रिजर्व कर चुका है.
दो हफ्ते बाद आएगा फैसला
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने पांचों याचिकाएं दाखिल की हैं. जस्टिस प्रकाश पांडेय की सिंगल बेंच में आज मामले की सुनवाई हुई. तकरीबन एक घंटे की सुनवाई के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व किया. अदालत ने कहा कि पक्षकार इस मामले में 2 हफ्तों में अपनी लिखित दलीलें या दूसरे डॉक्यूमेंट कोर्ट में दाखिल कर सकते हैं. अब दो हफ्ते हाईकर्ट का फैसला आएगा. अदालत सभी पांच अर्जियों पर एक साथ फैसला सुनाएगा.
एएसआई ने पिछली सुनवाई में कही थी ये बात
एएसआई ने पिछली सुनवाई के दौरान दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहा था कि अगर कोर्ट आदेश देगी तो वह विवादित परिसर का सर्वेक्षण कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करेगी. एएसआई की तरफ से कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई थी ज्ञानवापी के विवादित परिसर का उसकी तरफ से इससे पहले कभी कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है.वहीं,हिंदू पक्ष की तरफ से आज भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने पैरवी की. वे वैद्यनाथन अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें पेश कर उसे जीत दिला चुके हैं. वहीं, निचली अदालत से दिए गए सर्वेक्षण के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला आने तक रोक बढ़ा दी है.