Gyanvapi Case News: वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वे के निर्देश देने वाली याचिका पर फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कहा कि वजूखाना को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे होगा. वहीं कोर्ट के इस फैसले पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी प्रतिक्रिया दी है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि ASI ने ही रामजन्मभूमि की खुदाई कर प्रमाणित किया था कि वहां मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई. अब ASI को ज्ञानवापी का सर्वे करने के लिए दिया गया है, वहां भी ऐसा ही होगा. सर्वे करने का आदेश देने के लिए मैं कोर्ट को धन्यवाद देता हूं. सर्वे से मंदिर का स्वरूप स्पष्ट हो जाएगा.
वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रडार तकनीक से सर्वे कराने के आवेदन को मंजूर कर लिया है. यह फैसला सुनाते हुए वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी. 14 जुलाई को करीब डेढ़ घंटे तक हुई बहस के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि न्यायालय ने एएसआई सर्वे का आदेश दे दिया है. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर, जिसे सील कर दिया गया है, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है. एएसआई सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को 4 अगस्त को देगा. मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया था, लेकिन, कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनकर सर्वे की अनुमति दे दी है. वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है.
दरअसल 14 जुलाई को वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में मस्जिद का सर्वे कराने की याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई थी. तब, जिला जज ने ऑर्डर रिजर्व कर लिया था. 16 मई 2023 को चारों वादी महिलाओं की तरफ से हिंदू पक्ष ने एक प्रार्थनापत्र दिया था, जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की एएसआई से जांच कराई जाए. इसी याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इजाजत दे दी है.