Gyanvapi Masjid Case Hearing: ज्ञानवापी केस को लेकर एक बार फिर से सुनवाई शुरू होने वाली है. वाराणसी की जिला जज की अदालत इस मामले की पोषणीयता को लेकर फैसला सुनाएगी लेकिन इसके पहले ही वाराणसी में संतों का जमावड़ा शुरू हो गया है. अखिल भारतीय संत समिति की अगुवाई में देशभर के प्रमुख अखाड़ों के महामंडलेश्वर वाराणसी पहुंचे हैं. इस दौरान ज्ञानवापी को लेकर मंथन और आगे की रणनीति बनाई जा रही है. संतों का कहना है कि जब ज्ञानवापी के अंदर शिवलिंग की आकृति मिल चुकी है तो ऐसे में उन्हें पूजा का अधिकार दिया जाए.


संतों ने इस मामले को लेकर मुस्लिम समाज के साथ भी कुछ राजनीतिक दलों पर गंभीर आरोप लगाए. संतों का आरोप है कि कुछ लोग इस मामले को लटका ना चाहते हैं. आपको बता दें कि 18 अगस्त से ज्ञानवापी को लेकर फिर से सुनवाई शुरू होने जा रही है. संतो की बैठक में नूपुर शर्मा प्रकरण को लेकर भी चर्चा हुई, संतों का यह मानना है कि जिस तरीके से नूपुर शर्मा प्रकरण को लेकर कुछ कट्टरपंथी सोच के लोग देश का माहौल खराब कर रहे हैं. ऐसे में कट्टरपंथियों पर तत्काल लगाम लगाई जाये.


कपिल सिब्बल पर लगाए आरोप


अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि सनातन हिन्दू धर्म के विभिन्न अखाड़ों के महामंडलेश्वर जो भारत के बाहर भी जाते हैं. पूरी दुनिया के 130 देशों में सनातन हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं. दुनिया के किसी देश में हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचार और षड्यंत्रों का मुखर रूप से हिन्दू कैसे करेगा ये इसकी बीज बैठक है. साल 2019 के पहले सुप्रीम कोर्ट में तो ऑन रिकॉर्ड कपिल सिब्बल ने तो कहा था कि राम जन्म भूमि का फैसला नहीं आना चाहिए क्योंकि ये बीजेपी की एजेंडे में है. ज्ञानवापी तो बीजेपी के अजेंडे में नहीं है, लेकिन जिस तरीके से परसों कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारा न्यायालय पर विश्वास नहीं हैं तो क्या न्यायालय में उनके इशारे में उंगलियों पर नाचने वाले जज कम हो गए हैं क्या ? या संविधान बदल दिया गया है.


कपिल सिब्बल जानबूझकर देश में जो वातावरण बनाना चाहते हैं, उसका प्रतिकार करने के लिए अगले दो महीनों के अंदर दिल्ली में देश का शीर्ष संत समाज जुटने वाला है. हम तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे कि ये देश संविधान से ही चलेगा और हमारी संविधान में आस्था है. इसलिए किसी तरीके का भ्रम नहीं फैला सकते और हमें इन जजों पर विश्वास है हम जजों से ये चाहते हैं कि वो समयबद्ध फैसले सुनाए और वो संविधान के दायरे में फैसले सुनाए. ज्ञानवापी के विषय में जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है, हमारे जो वकील हैं हमारे जो वादी है उनको आर्शीवाद है.


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देवी देवताओं पर की जा रही है अभद्र टिप्पणियां


स्वामी बालकदास महाराज, पीठाधीश्वर, पातालपुरी मठ का कहना है कि आज भारत के तमाम बड़े बड़े महामण्डलेश्वर यहां पर पधारे हुए हैं और जिस प्रकार से अदालत काशी विश्वनाथ जी के विषय को टालती जा रही है. उस विषय के बारे यहां पर चर्चा हो रही है, कि हमको पूजा का अधिकार कैसे मिलना चाहिए, और अगर नहीं मिलता है तो उस पक्ष को भी बंद कर देना चाहिए और जब तक निर्णय नहीं आता तब तक दोनों पक्ष वहां पर प्रवेश न करें. ऐसी हम लोग चर्चा कर रहे हैं और जिस तरीके से हमारे देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं. मौलवी लोग काटमार की बात कर रहे हैं अराजकता फैलाने की बात कर रहे हैं. उन सारे बिन्दुओं पर यहां पर चर्चा हो रही है, क्योंकि ये बीज बैठक है और इसके बाद बड़े स्तर से दिल्ली में बैठक होगी जो पूरे भारत के संत समाज, महामंडलेश्वर, जगत गुरु, शंकराचार्य  और  सारे आचार्य लोग रहेंगे जो कि अब जो है इसका जवाब मुहतोड़ दिया जाएगा.


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