Gyanvapi Mosque Survey: ज्ञानवापी मस्ज़िद श्रृंगार गौरी मामले में वकील कमीश्नर बदलने को लेकर कोर्ट में अगली सुनवाई 9 जून को रखी गई है. शनिवार को प्रतिवादी पक्ष सर्वे करने वाले वकील और कमीश्नर बदले जाने को लेकर मुस्लिम पक्ष कोर्ट में गया था. वहीं, अब अगली सुनवाई तक कमीशन की कार्रवाई जारी रहेगी.


बता दें कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर बदलने के लिए प्रतिवादी पक्ष ने प्रार्थना पत्र दिया है. वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर प्रतिवादी पक्ष ने आज 7 मई को सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में मौजूदा कोर्ट कमिश्नर को हटा कर उनके स्थान पर दूसरे के नियुक्ति करने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है.


हिंदू पक्षकारों का ये है दावा


हिंदू पक्षकारों का दावा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. यहां बजरंग बली की मूर्ति है, साथ ही अंदर गणेश जी की भी मूर्ति है. इसके अलावा दावा ये किया जा रहा है कि असली शिवलिंग ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में छिपा है.  जबकि अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद के सदस्य किसी प्राचीन कुएं और उसमें शिवलिंग के छिपे होने की धारणा को भी नकारते हैं. 


असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बड़ी बात


उधर, AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के फैसले को एंटी मुस्लिम हिंसा का रास्ता खोलने वाला करार दिया है. बता दें कि राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त तौर से सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए.


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