UP News: उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi) मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में एक और याचिका दाखिल की गई है. सर्वे मामले में फैसला आने से एक दिन पहले ही जनहित याचिका दाखिल की गई. वाराणसी (Varanasi) की अदालत में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की इजाजत दिए जाने की मांग को लेकर मुकदमा दाखिल करने वाली राखी सिंह (Rakhi Singh) और अन्य की तरफ से जनहित याचिका दाखिल की गई है.


जनहित याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदुओं के प्रतीक चिन्हों को संरक्षित किए जाने और गैर हिंदुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाए जाने की अपील की गई है. पीआईएल में कहा गया है कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी की अदालत का फैसला नहीं आ जाता तब तक परिसर में गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए.


इलाहाबाद हाईकोर्ट में 7 अगस्त को सुनवाई की उम्मीद


पीआईएल में कहा गया है कि इस तरह की व्यवस्था की जाए, जिससे एएसआई सर्वेक्षण का काम प्रभावित न हो. राखी सिंह, जितेंद्र सिंह बिसेन और अन्य की तरफ से ये जनहित याचिका दाखिल की गई है. अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस याचिका को दाखिल किया गया है. जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार यानी 7 अगस्त को सुनवाई होने की उम्मीद है.


ज्ञानवापी में सर्वेक्षण को लेकर गुरुवार को आएगा फैसला


गौरतलब है कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते गुरुवार को ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. अदालत तीन अगस्त को फैसला सुनाएगी. मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अदालत ने कहा कि तीन अगस्त तक एएसआई सर्वेक्षण पर लगी रोक बरकरार रहेगी. अदालत मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.


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