Gyanvapi Masjid Survey: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी (Varanasi News) में ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा सर्वे कराए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई है. वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए अजय मिश्रा, अजय सिंह और विशाल सिंह की अगुवाई में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फाइलों पर गौर करने के बाद फैसला लेंगे. दूसरी ओर याचिका में अपील की गई है कि इस पर तत्काल सुनवाई की जाए. साथ ही कहा गया है कि स्थानीय अदालत द्वारा दिए गए सर्वे के आदेश पर तुरंत रोक लगाई जाए.


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन ने कहा कि मुझे इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुझे फाइलों पर गौर करने दें. हम इसे सूची बद्ध करेंगे. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील हुफेजा अहमदी ने कहा कि आज सर्वे हो रहा है. कृप्या यथास्थिति बने रहने का आदेश दें. अहमदी ने कहा कि यह मस्जिद वर्शिप एक्ट के तहत आती है. इसके जवाब में सीजेआई ने कहा "हम इसे सूचीबद्ध करेंगे."


पांच महिलाओं ने दाखिल की थी याचिका
इससे पहले वाराणसी में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने तीन कोर्ट कमिश्नर के साथ 17 मई तक सर्वे पूरा कर के रिपोर्ट जमा करने के आदेश दिए थे. पांच महिलाओं की ओर से मां श्रृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन को लेकर वाराणसी की अदालत में याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था.


अदालत ने अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर दस मई तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. छह मई कोकार्रवाई शुरू तो हुई लेकिन पूरी नहीं हो सकी. सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग की थी जिस पर गुरुवार को अदालत ने फैसला दिया था.


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