Gyanvapi Case: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के ‘विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगा दी. सर्वेक्षण यह पता लगाने के लिए था कि मस्जिद निर्माण से पहले वहां मंदिर था या नहीं.
इस मामले से जुड़े अदालती घटनाक्रम इस प्रकार हैं:-
- अगस्त 2021: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में रोजाना पूजा-पाठ की अनुमति के लिए पांच हिंदू श्रद्धालुओं ने वाराणसी की दीवानी अदालत में याचिका दायर की.
- आठ अप्रैल, 2022: दीवानी अदालत ने परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया और अजय कुमार मिश्रा को इस कार्य का प्रभारी नियुक्त किया.
- 13 मई, 2022: उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में सर्वेक्षण के मद्देनजर यथास्थिति रखने का अंतरिम आदेश देने से इनकार किया.
- 17 मई, 2022: उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित कर वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को परिसर के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
- 20 मई, 2022: उच्चतम न्यायालय ने मामले को सिविल जज से जिला जज को स्थानांतरित कर दिया.
- 14 अक्टूबर, 2022: वाराणसी जिला अदालत ने ‘शिवलिंग’ जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग की याचिका खारिज की.
- 10 नवंबर, 2022: उच्चतम न्यायालय मामले की सुनवाई के लिए एक पीठ गठित करने पर सहमत हुआ.
- 12 मई 2023: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आधुनिक तकनीक से ‘शिवलिंग’ जैसी आकृति की आयु निर्धारित करने का आदेश दिया.
- 19 मई, 2023: उच्चतम न्यायालय ने ‘शिवलिंग’ जैसी आकृति की आयु निर्धारित करने के लिए वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अमल को टाला.
- 21 जुलाई, 2023: वाराणसी जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को आवश्यक होने पर खुदाई करने सहित सर्वेक्षण का निर्देश दिया ताकि पता लगाया जा सके कि क्या मस्जिद उस स्थान पर बनाई गई थी जहां पहले एक मंदिर था.
- 24 जुलाई, 2023: उच्चतम न्यायालय ने परिसर में एएसआई के सर्वेक्षण पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगाई, उच्च न्यायालय से मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करने को कहा.
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