(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ज्ञानवापी मामले पर पहली बार बोले धीरेंद्र शास्त्री, कहा - मन्दिर तोड़ कर जब मस्जिद बन रहे थे तो...
ज्ञानवापी मामले पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपील की है कि इस मामले में सौहार्द रखा जाए और भाईचारा बना रहे.
Gyanvapi Masjid Updates: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में नंदी भगवान निकल चुके है.शंकर जी निकलने हैं, ये तय है.अगर भाईचारा चाहते है तो ज्ञानवापी और मथुरा देदे भाईचारा बना रहेगा.
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि मन्दिर तोड़ कर जब मस्जिद बन रहे थे तो मस्त लग रहा था और आज जब मंदिर की जगह ही मंदिर बन रहा है तो बुरा लग रहा है. पीठाधीश्वर ने कहा कि दूसरे सब धर्मों में, फिर चाहे वो पैगंबर हो सबने अपने को भगवान का मैसेंजर बताया है, लेकिन महाभारत में श्री कृष्ण ने अर्जुन को कहा मैं ही भगवान हूं.
ज्ञानवापी परिसर में तहखाना देखने के लिए भी अब लग रही श्रद्धालुओं की लंबी कतार
दूसरी ओर काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालु ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने को देखने के लिए भी कतार में लग रहे हैं, जिसे वाराणसी की एक अदालत के हालिया आदेश के बाद पूजा-अर्चना के लिए खोल दिया गया है. काशी विश्वनाथ मंदिर के अधिकारी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए प्रबंधन में जुटे हैं.
काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) पीयूष तिवारी ने बताया कि 'श्रद्धालु तहखाने में पूजा करने के लिए उत्साहित हैं. फिलहाल, जिला प्रशासन के निर्देश पर हमने झांकी दर्शन कराने की व्यवस्था की है.'' तिवारी ने कहा, “व्यवस्था के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद बाहर निकलने वाले श्रद्धालु मस्जिद परिसर की सीमा पर लगाए गए अवरोधकों के पास से एक झरोखे (खिड़की) से तहखाने को देख सकते हैं. पहले यह क्षेत्र टिन की चादरों से ढका हुआ था जिसे अदालत के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने बुधवार रात हटा दिया.”
शुक्रवार को अवरोधकों के पास खड़े पुलिस कर्मियों के एक समूह को तहखाने के दर्शन के लिए उत्सुक भक्तों की कतार का प्रबंधन करते देखा गया. वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दिया था.
काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से नामित एक 'पुजारी' द्वारा नियमित अंतराल पर पूजा-अर्चना की जा रही है. पीआरओ ने बताया, 'अदालत के फैसले के अगले दिन बृहस्पतिवार की सुबह, याचिकाकर्ताओं और हिंदू पक्ष के कुछ वकीलों ने तहखाने के दर्शन किए. अब केवल पुजारियों को प्रार्थना करने के लिए तहखाने के अंदर जाने की अनुमति है. अन्य भक्त अवरोधकों के पास से दर्शन कर रहे हैं.'