Gyanvapi Masjid Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और अन्य की सभी पांच याचिकाओं पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा. ये याचिकाएं वाराणसी की एक अदालत में लंबित एक दीवानी वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए दायर की गई हैं. याचिका में वाराणसी की अदालत के आठ अप्रैल 2021 के उस निर्देश को भी चुनौती दी गई है जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद का समग्र सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया गया था.
इससे पूर्व, आठ दिसंबर को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और प्रतिवादी मंदिर पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की अदालत में लंबित वाद की पोषणीयता को चुनौती दी है.
वहीं, हिंदू पक्ष ने उस जगह पर मंदिर बहाल करने की मांग की है जहां मौजूदा समय में ज्ञानवापी मस्जिद स्थित है. हिंदू पक्ष के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद, मंदिर का हिस्सा है. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दलील है कि इस मुकदमे की पूजा स्थल अधिनियम (विशेष प्रावधान) 1991 के तहत सुनवाई नहीं हो सकती है. इस कानून में कहा गया है कि किसी भी धर्म के पूजा स्थल का जो अस्तित्व 15 अगस्त 1947 के दिन था, वही बाद में भी रहेगा.
सील बंद लिफाफे में एएसआई ने दाखिल की रिपोर्ट
वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सोमवार को वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल कर दी. जिला न्यायाधीश ने लिफाफा खोलने और पक्षकारों को सर्वेक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए 21 दिसंबर की तिथि तय की है. रिपोर्ट पेश करते समय अदालत में एएसआई के चार वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.