Gyanvapi Survey Live: ज्ञानवापी में ASI ने दूसरे दिन का सर्वे किया शुरू, अभी तक नहीं मिली तहखाने की चाबी

Gyanvapi Live Updates: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी के ज्ञानवापी में जारी ASI सर्वे का काम शनिवार को सुबह फिर शुरू हुआ. यहां पढ़ें सर्वे से जुड़े अपडेट्स लाइव

ABP Live Last Updated: 05 Aug 2023 11:14 AM
हम ASI सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं- मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा कि हम ASI सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं... कल तक हम भाग (सर्वेक्षण में) नहीं ले रहे थे लेकिन आज हम भाग ले रहे हैं और ASI टीम की सहायता कर रहे हैं.

हम ASI सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं- मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा कि हम ASI सर्वेक्षण से संतुष्ट हैं... कल तक हम भाग (सर्वेक्षण में) नहीं ले रहे थे लेकिन आज हम भाग ले रहे हैं और ASI टीम की सहायता कर रहे हैं.

अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने अभी भी तहख़ाने की चाभी नहीं दी

अंजुमन इंतज़ामिया कमेटी ने अभी भी तहख़ाने की चाभी नहीं दी है हालाँकि प्रशासन अभी कोशिश में है की तहख़ाने की चाभी सर्वे टीम को दी जाये. ASI सर्वे टीम का मानना है कि तहख़ाने में महत्वपूर्ण तथ्य छुपे हुये हैं 

ASI ने सर्वे के लिए चार टीमें  बनाई

ASI ने आज भी सर्वे के लिए चार टीमें  बनाई. दो टीमों ने परिसर की पश्चिमी दीवार की जांच शुरू की.  एक टीम पूर्वी दीवार की. दूसरी को उत्तरी दीवार व उससे जुड़े क्षेत्रों में जांच के लिए लगाया गया. इमारत की बाहरी दीवारों के आसपास जीपीआर का उपयोग किया जा रहा है.

स्लिम पक्ष से 9 लोग और हिंदू पक्ष से 7 लोग ज्ञानवापी में मौजूद

सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष से 9 लोग और हिंदू पक्ष से 7 लोग ज्ञानवापी में मौजूद हैं. मुस्लिम पक्ष के वकील का ASI पर आरोप है कि ASI ने हमें सर्वे का नोटिस तक नहीं दिया.

सुधीर त्रिपाठी ने कहा- सर्वेक्षण से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए ASI के पहुंचने के बाद हिंदू पक्ष के वकील, सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि सर्वेक्षण आज सुबह 9 बजे शुरू होगा...यह सर्वेक्षण का दूसरा दिन है .हम चाहते हैं कि लोग सर्वेक्षण में सहयोग करें और इसे जल्द से जल्द पूरा करें. हम पूर्ण सहयोग और भागीदारी दिखा रहे हैं.वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आए हैं। हम इसका स्वागत करते हैं. हम चाहते हैं कि मामला सुलझ जाए. जल्द ही सर्वेक्षण से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा."

ASI की टीम ज्ञानवापी पहुंची

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहुंचे, परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण आज भी जारी है.





असदुद्दीन ओवैसी ने किया ट्वीट

ज्ञानवापी में सर्वे के दूसरे दिन के बीच AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- एक बार जब  ज्ञानवापी एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी. आशा है कि 23 दिसंबर और 6 दिसंबर की नहीं दोहराया जाएगा. पूजा स्थल अधिनियम के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए.  

ज्ञानवापी में सुबह 8:10 पर सर्वे का काम शुरू हुआ

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में शनिवार , 5 अगस्त 2023 को सुबह 8:10 पर सर्वे का काम शुरू हुआ. सभी पक्ष पहुंचे.  सर्वे दस मिनट लेट से शुरू हुआ. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर वजुखाने को छोड़कर एएसआई टीम द्वारा दूसरे दिन के सर्वे के लिए एएसआई टीम ज्ञानवापी परिसर पहुंची.

बैकग्राउंड

Gyanvapi Survey Live Updates: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI की टीम मौके पर पहुंची और सर्वे शुरू कर दिया. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया है.


ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए ASI के पहुंचने के बाद हिंदू पक्ष के वकील, सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि सर्वेक्षण आज सुबह 9 बजे शुरू होगा...यह सर्वेक्षण का दूसरा दिन है .हम चाहते हैं कि लोग सर्वेक्षण में सहयोग करें और इसे जल्द से जल्द पूरा करें. हम पूर्ण सहयोग और भागीदारी दिखा रहे हैं.वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आए हैं. हम इसका स्वागत करते हैं. हम चाहते हैं कि मामला सुलझ जाए. जल्द ही सर्वेक्षण से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा."


उधर, सर्वे से अलग रहे मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. वहीं, वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए एएसआई को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया.


शुक्रवार को सर्वेक्षण टीम दोपहर 2 बजे के बाद काम पर वापस आ गई और शाम को पांच बजे तक दिन का काम अभ्यास समाप्त करके बाहर आ गई.


सर्वेक्षण टीम के साथ आए सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने कहा कि एएसआई टीम ने शुक्रवार को दिन भर के काम के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की फोटोग्राफी और मैपिंग की.


मिश्रा ने कहा कि सर्वेक्षण टीम कल सुबह आठ बजे अपना काम फिर से शुरू करेगी, जो शाम पांच बजे समाप्त होगा.


सर्वेक्षण कार्य के दौरान अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने वाले मुस्लिम पक्ष ने सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन न्यायालय ने सर्वे कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.


सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17 वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है.


प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड की कार्रवाई से मना कर दिया.


पीठ ने एएसआई और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया कि सर्वेक्षण के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही संरचना को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा.


इस बीच, वाराणसी की जिला अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दे दिया.


जिला न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने एएसआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सर्वेक्षण कार्य पूरा करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया.


सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि अब सर्वे कार्य पूरा करने की समय सीमा चार सितंबर तक बढ़ा दी गई है. पिछले आदेश के मुताबिक सर्वे चार अगस्त को पूरा करना था.


यादव ने बताया कि सर्वे के दौरान मामले की वादी लक्ष्मी सिंह, सीता साहू, रेखा पाठक और मंजू व्यास तथा उनके एक-एक वकील मौके पर मौजूद रहे. मामले की एक अन्य वादी राखी सिंह उपस्थित नहीं है लेकिन उनके वकील मौजूद थे.


मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे से खुद को अलग रखा. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने इसकी पुष्टि करते हुए 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता इस सर्वे में शामिल नहीं हुए, क्योंकि मुसलमानों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में इस सर्वे के निर्णय को पहले ही चुनौती दी गयी थी.

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