Gyanvapi Masjid News: वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया से वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराए जाने की मांग से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट आज सुनवाई टल गई. अब इस मामले में इस हफ्ते बाद सुनवाई होगी.


जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. अगली सुनवाई में याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से अदालत में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाएगा. इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी पिछले महीने ही अपना जवाब दाखिल कर चुकी है. मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाना परिसर को पूरी तरह संरक्षित रखने का आदेश दिया है. ऐसे में उस जगह पर कोई सर्वेक्षण नहीं किया जा सकता है.


वजूखाने के ASI सर्वेक्षण की मांग


इस बारे में वाराणसी की जिला अदालत का फैसला पूरी तरह सही है और राखी सिंह की अर्जी को खारिज कर दिया जाना चाहिए. श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में यह पुनरीक्षण यानी रिवीजन अर्जी दाखिल की गई है. इस अर्जी के जरिए ज्ञानवापी परिसर के बाकी हिस्से की तरह वजूखाने का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से कराए जाने की मांग की गई है.


2022 में कर दिया गया था वजूखाने को सील 


इस अर्जी में कहा गया है कि सर्वे एजेंसी वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को बिना नुकसान पहुंचाए सर्वेक्षण कर सकती है. सर्वेक्षण की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत में चल रहे श्रृंगार गौरी केस के निपटारे में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. वजूखाने के हिस्से से भी हिंदुओं के कई प्रतीक चिन्ह मिल सकते हैं. मई 2022 में एडवोकेट कमीशन के दौरान कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजू खाने को सील कर दिया गया था.


सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश


वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर वजूखाने को सील किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश दिया है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया पिछले साल वजू खाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के पूरे हिस्से का सर्वेक्षण कर चुका है. अधिवक्ता सौरभ तिवारी अदालत में याची राखी सिंह का पक्ष रख रहे हैं.


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