क्या अब मथुरा और काशी की है बारी? अयोध्या फैसले के वक़्त और अब के संघ के बयान से इसका जवाब समझिए...
Gyanvapi Masjid News: वाराणसी में काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब देश भर की निगाहें RSS की ओर है.
Gyanvapi Masjid Survey: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी (Varanasi News) में काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अब देश भर की निगाहें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर है. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी (Gyanvapi-Shringar Gauri) का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है. सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत पर शुक्रवार तक इस मामले में कोई आदेश देने से रोक लगा दी है. इन सबके बीच RSS ने बुधवार को ज्ञानवापी मामले पर प्रतिक्रिया दी. आइए हम आपको अयोध्या का फैसला आने के बाद और अब के संघ के बयान के बारे में बताते हैं.
RSS के ताजा बयान की बात करें तो सुनील आंबेकर ने बुधवार को कहा- "ज्ञानवापी का मुद्दा चल रहा है...उसमें तथ्य आ रहे हैं, मुझे लगता है कि तथ्यों को सामने आने देना चाहिए, वैसे भी सत्य अपनी राह खोजता ही है." आरएसएस के प्रचार प्रमुख आंबेकर ने कहा, ‘‘आप कितने समय तक सच को छिपायेंगे? मेरा मानना है कि ऐतिहासिक तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में समाज के सामने आना चाहिए.’’
सुनील आंबेकर की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में आई है हिन्दू पक्ष ने मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. आरएसएस के प्रचार प्रमुख का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
क्या कहा था मोहन भागवत ने?
साल 2019 में अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद RSS के सरसंघचालक ने एक प्रेस वार्ता की थी. उस वक्त ईदगाह (मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास स्थित मस्जिद) और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पूछे गए सवाल पर मोहन भागवत ने कहा था- "संघ आंदोलन नहीं करता, मनुष्य निर्माण करता है. हम वही करेंगे." उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था "ये मामला कई दशकों से चल रहा था और अब अपने सही अंत पर पहुंचा है."
क्या है मामला?
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है. इसकी दीवार से लगी प्रतिमाओं के समक्ष दैनिक पूजा अर्चना करने संबंधी हिन्दू महिलाओं के एक समूह की याचिका पर स्थानीय अदालत सुनवाई कर रही है. अदालत ने कोर्ट कमिश्नर की अगुवाई में सर्वे का आदेश दिया था जिसके बाद सर्वे हुआ. अब कोर्ट कमिश्नर को अपनी रिपोर्ट जमा करनी है. अभी तक पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ही अपनी रिपोर्ट जमा कर पाए हैं.
गुरुवार को इस मामले में बाकी दो कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह अपनी रिपोर्ट जमा करने वाले थे हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई पर रोक लगाए जाने के बाद माना जा रहा है कि 20 तारीख के बाद ही रिपोर्ट जमा होगी.
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