Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम रविवार को वाराणसी (Varanasi) पहुंच गयी थी. टीम सोमवार को सुबह सात बजे से सर्वे के लिए परिसर में पहुंच गई. इससे पहले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने यहां बताया कि एएसआई की टीम सोमवार को ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने को छोड़ कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण शुरू करेगी.


अधिवक्ता ने पहले ही बताया था कि एएसआई की टीम सोमवार को सुबह सात बजे से ज्ञानवापी परिसर में सर्वेक्षण शुरू करेगी. इसमें सभी वादियों के एक-एक अधिवक्ता शामिल रहेंगे. गौरतलब है कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी है. विवादित हिस्से को छोड़ कर कोर्ट ने पूरे परिसर की ASI सर्वे को मंजूरी मिली है. 


कोर्ट का फैसला आने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दे दिया है. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर, जिसे सील कर दिया गया है. ASI इस सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को चार अगस्त को देना होगा. 


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इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश
हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए गए कथित शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन-डेटिंग की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निदेर्शों पर रोक लगाई थी. इस मामले को लेकर एक पक्ष कहता है कि यह शिवलिंग है और दूसरा पक्ष कहता है कि यह एक फव्वारा है.


अब इस परिसर के सर्वे से पता लगेगा कि मस्जिद कितना पुराना है और इसमें हिंदू पक्ष की तरफ से किए गए दावों में कितनी सच्चाई है. कोर्ट कमिश्वर अजय मिश्रा ने 6-7 मई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था. इस सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार परिसर की दीवारों पर देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की कुछ कलाकृतियां और शेषनाग जैसी आकृति मिलने की बात कही गई थी.