Varanasi Gyanvapi Mosque Survey: वाराणसी (Varanasi) की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanwapi Masjid) परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम आज होगा. ये काम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे आज दोपहर 3 बजे से होगा. मस्जिद के दोनों तहखानों का भी सर्वे होगा, इनमें से एक तहखाने की चाभी प्रशासन के पास और दूसरे की चाभी मस्जिद पक्ष के पास है. इस पूरे सर्वे में तीन से चार दिन का समय लगने का अनुमान है. इस दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी होगी.


ये सर्वे हो क्यों रहा है?


दरअसल कोर्ट में पांच महिलाओं रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास और राखी सिंह की एक याचिका आई थी. पाचों याचिकाकर्ता महिलाओं ने कोर्ट से श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की अपील की थी. कोर्ट से इजाजत की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि श्रृंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद है और मस्जिद की दीवार से सटा हुआ है. 


18 अगस्त को कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. 26 अप्रैल को वाराणसी सिविल कोर्ट का आदेश आया. आदेश में एक कमीशन नियुक्त किया गया और इस कमीशन को 6 और 7 मई को दोनों पक्षों की मौजूदगी में श्रृंगार गौरी की वीडियोग्राफी के आदेश दिए गए. 10 मई तक कोर्ट ने पूरी जानकारी मांगी है. हिंदू पक्ष की दलील है कि मंदिर तोड़कर ही मस्जिद बनाई गई है. इसलिए उन्हें श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा का हक मिलना चाहिए.


UP News: आजम खान की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, जानें कब आ सकता है फैसला?


वीडियोग्राफी के लिए नियुक्त हुए कमिश्नर ने मांगी सुरक्षा


ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को लेकर टकराव की आशंका से याचिकाकर्ता डरी हुई हैं. आज दोपहर से शुरू होने वाली वीडियोग्राफी को लेकर इस कदर तनातनी है कि श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा अर्चना की अर्जी देने वाली महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर थाने पहुंच गईं. वीडियोग्राफी के लिए नियुक्त हुए कमिश्नर ने भी सुरक्षा की मांग की है और अदालत ने पुलिस कमिश्नर को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं.


हालांकि मस्जिद की देखरेख करने वाली कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटी की दलील है कि मंदिर के अंदर सर्वे से दिक्कत नहीं है, दिक्कत बैरिकेडिंग के अंदर जाने से है. बहरहाल आज ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे की घड़ी आ गई है. सर्वे में वीडियोग्राफी से जुटाए जाने वाले साक्ष्य सिर्फ श्रृंगार गौरी प्रकरण के काम नहीं आएंगे. बल्कि भविष्य में वो सबूत हाईकोर्ट में विचाराधीन मुख्य मुकदमे में भी अहम कड़ी साबित हो सकते हैं.


UP Politics: मंत्री दयाशंकर सिंह बोले- ओपी राजभर को बीजेपी के साथ आने के लिए किसी लिंक की जरूरत नहीं