Gyanvapi Masjid Verdict: वाराणसी में ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाने के जिला अदालत के फैसले पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जन भावनाओं का आदर किया है. हम सभी उनके फैसले का अभिनंदन करते हैं. वहीं जो इस विवाद को हवा देने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें डर किस बात का है?


कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा, 'कोर्ट ने तो केस की सुनवाई का फैसला कर लिया, अब जिसके पास जो तथ्य हो, प्रमाण हो वह न्यायालय के सामने रखें. डरने की क्या बात है. काशी, उत्तर प्रदेश, पूरा देश, हर भोले भक्त आज आनंद में है, कोर्ट के फैसले का आदर, सम्मान, स्वागत करता है. 


मुस्लिम पक्ष के हाईकोर्ट जाने की बात पर कही ये बात


मुस्लिम पक्ष के हाईकोर्ट जाने की बात पर अनिल राजभर ने कहा कि जिसको जहां जाना हो जाए, कौन रोक रहा है. भगवान श्री राम की जन्मभूमि के विवाद का जो फैसला आया भारतीय न्यायपालिका का लोहा पूरी दुनिया ने माना है. अब यह काशी के ज्ञानवापी का मामला है. हमें पूरा भरोसा है कि न्यायालय जल्द से इस मामले को निपटायेगा ताकि भोले भक्तों के साथ न्याय हो सके.


जानें क्या है पूरा मामला


बता दें कि 18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया था.


मुकदमे में पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मिले. परिसर में अन्य देवी देवताओं के विग्रह की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम है. इस याचिका पर 23 अगस्त की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.