Gyanvapi Masjid Verdict: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले पर जिला अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी पोषणीयता मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि इस मुकदमे की सुनवाई होगी. कोर्ट के इस फैसले पर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी अपनी प्रतीक्रिया दी है. उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. 


यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, 'कोर्ट ने बहुत अच्छा निर्णय दिया है. लोगों की भावनाओं के अनुरूप निर्णय है. इसीलिए प्रदेशभर में खुशी की लहर है.' उन्होंने आगे कहा कि मुझे इस फैसले पर खुशी जाहिर करने वाले कई फोन आ रहे हैं. उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देना की बात पर उन्होंने कहा कि यह उनका अधिकार है लेकिन हम फैसले का सम्मान करेंगे और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करेंगे.



कोर्ट के इस फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष अब हाईकोर्ट का रुख करेगा. जिला जज विश्वेश ने कहा कि यह मामला सुनने योग्य है.  इस फैसले के बाद मौलाना खालिद राशिद ने कहा- बाबरी मस्जिद के जजमेंट के दौरान वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो बातें कही थी उससे यह लगने लगा था कि अब देश में मंदिर-मस्जिद का मसला खत्म हो गया है, लेकिन उसके बावजूद भी इस तरीके मुद्दे आ रहे हैं.


जानें क्या है पूरा मामला


दीगर है कि 18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया.


मुकदमे में पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मिले ज्ञानवापी परिषद में अन्य देवी देवताओं के विग्रह की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम है. इस याचिका पर 23 अगस्त की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.


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