उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले पर जिला अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी पोषणीयता मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि इस मुकदमे की सुनवाई होगी. कोर्ट के इस फैसले पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- करवट लेती मथुरा, काशी! बता दें कि कोर्ट के इस फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष अब हाईकोर्ट का रुख करेगा. जिला जज विश्वेश ने कहा कि यह मामला सुनने योग्य है. इस फैसले के बाद मौलाना खालिद राशिद ने कहा- बाबरी मस्जिद के जजमेंट के दौरान वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो बातें कही थी उससे यह लगने लगा था कि अब देश में मंदिर-मस्जिद का मसला खत्म हो गया है, लेकिन उसके बावजूद भी इस तरीके मुद्दे आ रहे हैं.
इस फैसले के बाद मौलाना खालिद राशिद ने कहा- बाबरी मस्जिद के जजमेंट के दौरान वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो बातें कही थी उससे यह लगने लगा था कि अब देश में मंदिर-मस्जिद का मसला खत्म हो गया है, लेकिन उसके बावजूद भी इस तरीके मुद्दे आ रहे हैं.
जानें क्या है पूरा मामला
दीगर है कि 18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में एक मुकदमा दाखिल किया.
मुकदमे में पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन पूजन की अनुमति मिले ज्ञानवापी परिषद में अन्य देवी देवताओं के विग्रह की सुरक्षा का मुकम्मल इंतजाम है. इस याचिका पर 23 अगस्त की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.