Gyanvapi Masjid Verdict: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में अदालत ने दिया फैसला, कोर्ट कमिश्नर बदलने की मांग पर कही ये बात
ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले को लेकर गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) की सिविल कोर्ट (Civil Court) ने अपना फैसला सुना दिया.
Gyanvapi Masjid Verdict: ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले को लेकर गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) की सिविल कोर्ट (Civil Court) ने फैसला सुना दिया. इस मामले में तीन दिनों तक एक-एक तथ्य ध्यान से सुनने के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन ने कोर्ट का फैसला सुनाया. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने दो सहायक कमिश्नर नियुक्त किया है. इसके साथ ही मुख्य कमिश्नर अजय मिश्रा बने रहेंगे.
अदालत ने अजय मिश्रा के साथ सहायक कमिश्नर के रुप में विशाल सिंह और अजय सिंह को नियुक्त किया हैं. अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे. वहीं फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए एक वकील ने जानकारी दी की अदालत ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा करने का निर्देश दिया है.
क्या दिया आदेश?
अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर 17 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपे. मिली जानकारी के अनुसार अदालत ने सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सर्वे के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि 17 मई तक राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सर्वे पूरा कराया जाए. अदालत ने कहा है कि सर्वे की कार्रवाई के दौरान अगर दोनों में से कोई एक कोर्ट कमिश्रर एबसेंट भी रहेगा तब भी कार्रवाई होगी.
अदालत ने सर्वे के काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कहा गया है कि अगर गेट की चाभी नहीं भी मिलती है तो ताले को तोड़ा जा सकता है. इसके साथ ही सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी के भी निर्देश दिए गए हैं.
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11 मई को पूरी हुई थी सुनवाई
इससे पहले बुधवार यानि 11 मई वाराणसी की सिविल कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी. जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए, गुरुवार की दोपहर 12 बजे के बाद फैसला सुनाने की बात कही थी. ऐसे में गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है.
बता दें कि बुधवार को दोनों पक्षों की ओर से अपनी-अपनी दलील कोर्ट में दी गई थी. इसके साथ ही कोर्ट कमिश्नर ने भी अपना पक्ष रखा. वादी पक्ष ने बैरिकेडिंग के भीतर जाने को लेकर कोर्ट से स्पष्ट आदेश की गुहार लगाने के साथ ही कोर्ट कमिश्नर के पक्षपात न करने की बात रखी है. वहीं मुस्लिम पक्ष अपनी अर्जी पर कायम है.
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