Gyanvapi Mosque Case: उत्तर प्रदेश (UP) के वाराणसी (Varanasi) में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सोमवार को करीब एक घंटे तक सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष ने तीन बार जजमेंट रिजर्व होने के बाद फिर से सुनवाई किए जाने के फैसले पर एतराज जताया. इलाहाबाद हाईकोर्ट के पुराने फैसले के आधार पर दोबारा सुनवाई नहीं किए जाने की दलील दी.


मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि पिछले कई सालों में करीब 75 कार्य दिवसों पर इस मामले में सुनवाई हो चुकी है. ऐसे में अब इस मामले में फिर से सुनवाई नहीं की जा सकती. वहीं हिंदू पक्ष की तरफ से भी कहा गया कि फैसला जल्दी आना चाहिए. हालांकि, हिंदू पक्ष ने दोबारा सुनवाई किए जाने पर के फैसले का विरोध नहीं किया. हाईकोर्ट अब इस मामले में 12 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगा.


ज्ञानवापी से जुड़ी 5 याचिकाओं पर हो रही सुनवाई


12 सितंबर को कोर्ट यह तय करेगा कि इस मामले में आगे सुनवाई की जानी है या फैसला आना है. ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट एक साथ सुनवाई कर रहा है. इनमें से तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई हैं. दो अर्जियां एएसआई के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ हैं. 1991 के मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंप जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी. हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत इस मुकदमे को सुन सकती है या नहीं.


एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से कर दिया था इनकार


बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने एएसआई के सर्वे करने पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था इससे किसी को नुकसान नहीं है. इसलिए यह जारी रहेगा.


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