Gyanvapi Mosque Case Highlights: ज्ञानवापी में कल सुबह 7 बजे से शुरू होगा ASI का सर्वे, फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष
Gyanvapi Mosque Case Verdict Highlights: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट से खारिज हो गई है. कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर लगी रोक भी हटा दी है.
LIVE
![Gyanvapi Mosque Case Highlights: ज्ञानवापी में कल सुबह 7 बजे से शुरू होगा ASI का सर्वे, फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष Gyanvapi Mosque Case Highlights: ज्ञानवापी में कल सुबह 7 बजे से शुरू होगा ASI का सर्वे, फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/03/2ca4688829193f42209618718ca9843b1691039647374125_original.jpg)
Background
Gyanvapi Mosque Case Verdict Highlights: इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अदालत का कहना है कि इस सर्वे से किसी को नुकसान नहीं है. इसलिए यह जारी रहेगा. जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने यह फैसला गुरुवार को सुनाया. अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि न्याय के लिए यह सर्वे जरूरी है. कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की जरूरत है. सर्वे करिए, लेकिन बिना खुदाई किए.
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एएसआई से सुनवाई खत्म होने तक मस्जिद का सर्वे शुरू न करने को कहा था. जुलाई के अंतिम सप्ताह में कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से लगातार दो दिन बहस चली थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपने फैसले को रिजर्व कर लिया था. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा, "इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को सर्वे करने के लिए कहा है. हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने सर्वे को मंजूरी दे दी है. एएसआई ने अपना हलफनामा दे दिया है. कोर्ट का आदेश आ गया है, ऐसे में अब कोई सवाल नहीं बनता है. हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज किया है."
मुस्लिम पक्ष ने दी थी ये दलील
गौरतलब है कि वाराणसी के जिला जज द्वारा ज्ञानवापी सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले आदेश को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने चुनौती दी थी. मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने सुनवाई की. कोर्ट में दलील देते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील एसएफए नकवी ने असमायिक अदालती आदेश के जरिये ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से ज्ञानवापी के मूल ढांचे को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस का दंश देश ने झेला है. सिविल वाद में पोषणीयता का बिंदु तय किये बिना जल्दबाजी में सर्वेक्षण और खोदाई का फैसला घातक हो सकता है.
हालांकि एएसआई ने मुस्लिम पक्ष की दलील को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि सर्वेक्षण के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक से ज्ञानवापी की मूल संरचना को खरोंच तक नहीं आयेगी. जबकि, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और सौरभ तिवारी का कहना था कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण के जरिए वो ज्ञानवापी की सच्चाई सामने लाना चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण की अनुमति देने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अधिवक्ता निजाम पाशा ने तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. पाशा ने कहा, ''इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज एक आदेश पारित किया है. हमने आदेश के खिलाफ एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है. मैंने (तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए) एक ईमेल भेजा है. उन्हें सर्वेक्षण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ानी चाहिए.'' चीफ जस्टिस ने कहा, ''मैं तुरंत ईमेल देखूंगा.''
ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे शुक्रवार को शुरू होगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुक्रवार को शुरू करेगी. जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बताया कि एएसआई शुक्रवार से ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का काम शुरू करेगा. उसने सर्वे कराने के लिये जिला प्रशासन से सहयोग मांगा है, जो उसे उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि सुरक्षा को लेकर वाराणसी के पुलिस आयुक्त से बात हुई है और जिला प्रशासन शुक्रवार को सर्वे कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
हिन्दू पक्ष से जुड़े लोग उत्साहित हैं
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे की इजाजत देने के हाईकोर्ट के फैसले पर हिन्दू पक्ष से जुड़े लोग उत्साहित हैं. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ''आजादी के अमृत महोत्सव काल खंड में जब गुलामी के चिह्न मिट रहे हैं, तो काशी में ज्ञानवापी के माथे पर लगे गुलामी के चिह्न को एएसआई का सर्वे मिटाने में सक्षम होगा.''
हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं- मोहम्मद यासीन
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा, ''हम हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. आदेश के अध्ययन के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे. यासीन ने कहा, ''फैसला चाहे कुछ भी आये लेकिन मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति-व्यवस्था और आपसी प्रेम-सौहार्द बनाये रखें.''
सनातन धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है- प्रज्ञा सिंह ठाकुर
भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि यह देश के लिए और सनातन धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. स्वतंत्र भारत में अब समय आ गया है कि हम गुलामी के चिन्हों को हटाकर सच्चाई उजागर करें. यह हमारे लिए सम्मानजनक निर्णय है और इस पर विश्वास करते हैं.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)