Gyanvapi Mosque Case Highlights: ज्ञानवापी में कल सुबह 7 बजे से शुरू होगा ASI का सर्वे, फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष

Gyanvapi Mosque Case Verdict Highlights: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट से खारिज हो गई है. कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर लगी रोक भी हटा दी है.

ABP Live Last Updated: 03 Aug 2023 05:57 PM
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण की अनुमति देने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अधिवक्ता निजाम पाशा ने तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. पाशा ने कहा, ''इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज एक आदेश पारित किया है. हमने आदेश के खिलाफ एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है. मैंने (तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए) एक ईमेल भेजा है. उन्हें सर्वेक्षण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ानी चाहिए.'' चीफ जस्टिस ने कहा, ''मैं तुरंत ईमेल देखूंगा.''

ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे शुक्रवार को शुरू होगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुक्रवार को शुरू करेगी. जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बताया कि एएसआई शुक्रवार से ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का काम शुरू करेगा. उसने सर्वे कराने के लिये जिला प्रशासन से सहयोग मांगा है, जो उसे उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि सुरक्षा को लेकर वाराणसी के पुलिस आयुक्त से बात हुई है और जिला प्रशासन शुक्रवार को सर्वे कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

हिन्दू पक्ष से जुड़े लोग उत्साहित हैं

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे की इजाजत देने के हाईकोर्ट के फैसले पर हिन्दू पक्ष से जुड़े लोग उत्साहित हैं. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ''आजादी के अमृत महोत्सव काल खंड में जब गुलामी के चिह्न मिट रहे हैं, तो काशी में ज्ञानवापी के माथे पर लगे गुलामी के चिह्न को एएसआई का सर्वे मिटाने में सक्षम होगा.''

हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं- मोहम्मद यासीन

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा, ''हम हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. आदेश के अध्ययन के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे. यासीन ने कहा, ''फैसला चाहे कुछ भी आये लेकिन मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति-व्यवस्था और आपसी प्रेम-सौहार्द बनाये रखें.''

सनातन धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है- प्रज्ञा सिंह ठाकुर

भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि यह देश के लिए और सनातन धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. स्वतंत्र भारत में अब समय आ गया है कि हम गुलामी के चिन्हों को हटाकर सच्चाई उजागर करें. यह हमारे लिए सम्मानजनक निर्णय है और इस पर विश्वास करते हैं.

कल सुबह 7 बजे से सर्वे फिर शुरू होगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी पर निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. कल सुबह 7 बजे से सर्वे फिर शुरू होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाएगा.

हाईकोर्ट ने सच का साथ दिया- सुब्रत पाठक

भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि हाईकोर्ट ने सच का साथ दिया है. हमारे 20 हजार से ज्यादा मंदिर तोड़कर उस पर मस्जिद बना दिया गया था. हम तो कुछ ही मंदिरों की बात कर रहे हैं. मुस्लिम पक्ष को यह समझना चाहिए और देश के अन्य लोगों को भी समझना चाहिए.

कोर्ट के फैसले का जवाब कोर्ट से दिया जाएगा- बर्क

ASI सर्वे के आदेश पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि कोर्ट के फैसले का जवाब कोर्ट से दिया जाएगा. 2024 चुनाव को देखकर ये सब हो रहा है. उन्होंने मस्जिद से छेड़छाड़ की आशंका जताई.

सर्वे से सच सामने आना चाहिए- कौशल किशोर

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि सर्वे से सच सामने आना चाहिए. जैसे राम मंदिर में आया और उसके बाद जो कोर्ट का आदेश हो उसको भी स्वीकार करना चाहिए.

हमें अभी तक ASI से कोई संदेश नहीं मिला है- वाराणसी के डीएम

वाराणसी के डीएम एस. राजलिंगम ने कहा कि इस मामले में जैसे ही हमें ASI से पत्राचार मिलेगा, उनको जो भी सहयोग चाहिए होगा वो जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. हमें अभी तक ASI से कोई संदेश नहीं मिला है.

मैं नहीं जानता कोर्ट जानता है- फारूक अब्दुल्ला

ज्ञानवापी के सर्वे पर एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मंदिर हो या मस्जिद, भगवान एक है. आप उन्हें मंदिर में देख सकते हैं या मस्जिद में. सर्वे पर पूछे गए सवाल पर कहा कि मैं नहीं जानता कोर्ट जानता है.

ASI सर्वे से तथ्य सामने आएंगे- हरिशंकर जैन

वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि वहां ऐसे अनगिनत साक्ष्य मौजूद हैं जो बताते हैं कि यह एक हिंदू मंदिर था. ASI सर्वे से तथ्य सामने आएंगे. मुझे यकीन है कि असली 'शिवलिंग' वहां मुख्य गुंबद के नीचे छुपाया गया है. इस सच्चाई को छुपाने के लिए वे (मुस्लिम पक्ष) बार-बार आपत्ति जता रहे हैं. वे जानते हैं कि इसके बाद यह मस्जिद नहीं रहेगी और वहां भव्य मंदिर बनने का रास्ता साफ हो जाएगा.

फैसला जल्द से जल्द आना चाहिए- हेमा मालिनी

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वेक्षण की अनुमति पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि इसका फैसला जल्द से जल्द आना चाहिए वरना कुछ ना कुछ बातें होती रहती हैं. अगर अंतिम फैसला जल्द आ जाएगा तो यह पूरे देश के लिए अच्छा होगा.

हिंदू पक्ष आज ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करेगा

ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज आए फैसले के बाद हिंदू पक्ष आज ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर देगा. यह कैविएट इसलिए दाखिल किया जाएगा ताकि अगर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्षी यानी मस्जिद कमेटी की तरफ से कोई अर्जी दाखिल की जाती है तो उसमें हिंदू पक्ष को भी सुनवाई का मौका दिया जाए. हिंदू पक्ष को सुनवाई का मौका दिए बिना कोई आदेश पारित ना किया जाए.

हमें उम्मीद है कि न्याय होगा- मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली

AIMPLB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद करीब 600 साल पुरानी है और मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं. हम भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू हो. मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा.

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का आया बयान

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है.

अदालत ने जो फैसला दिया उसे मानना होगा- डॉ एसटी हसन

समाजवादी पार्टी सांसद डॉ एसटी हसन ने कहा कि अदालत ने जो फैसला दिया उसे मानना होगा. सर्वे के दौरान उस स्मारक को कोई नुकसान न पहुंचे. जो भी सर्वे का फैसला होगा वह हम मानेंगे लेकिन यह फैसला सभी पक्षों को मानना होगा. हमारे देश को आज सांप्रदायिक सौहार्द्र और राष्ट्रीय एकीकरण की बहुत जरूरत है. हम में से किसी को भी ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे फासले बढ़ें.

ज्ञानवापी मामले पर बोले केशव प्रसाद मौर्य

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण करने की अनुमति देने पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं आदेश का स्वागत करता हूं. मुझे विश्वास है कि ASI के सर्वेक्षण से सच्चाई सामने आएगी और इस विवाद का भी निस्तारण होगा.

बैकग्राउंड

Gyanvapi Mosque Case Verdict Highlights: इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अदालत का कहना है कि इस सर्वे से किसी को नुकसान नहीं है. इसलिए यह जारी रहेगा. जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने यह फैसला गुरुवार को सुनाया. अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि न्याय के लिए यह सर्वे जरूरी है. कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की जरूरत है. सर्वे करिए, लेकिन बिना खुदाई किए.


पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एएसआई से सुनवाई खत्म होने तक मस्जिद का सर्वे शुरू न करने को कहा था. जुलाई के अंतिम सप्ताह में कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से लगातार दो दिन बहस चली थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपने फैसले को रिजर्व कर लिया था. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा, "इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को सर्वे करने के लिए कहा है. हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने सर्वे को मंजूरी दे दी है. एएसआई ने अपना हलफनामा दे दिया है. कोर्ट का आदेश आ गया है, ऐसे में अब कोई सवाल नहीं बनता है. हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज किया है."


मुस्लिम पक्ष ने दी थी ये दलील
गौरतलब है कि वाराणसी के जिला जज द्वारा ज्ञानवापी सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले आदेश को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने चुनौती दी थी. मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने सुनवाई की. कोर्ट में दलील देते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील एसएफए नकवी ने असमायिक अदालती आदेश के जरिये ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से ज्ञानवापी के मूल ढांचे को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस का दंश देश ने झेला है. सिविल वाद में पोषणीयता का बिंदु तय किये बिना जल्दबाजी में सर्वेक्षण और खोदाई का फैसला घातक हो सकता है.


हालांकि एएसआई ने मुस्लिम पक्ष की दलील को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि सर्वेक्षण के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक से ज्ञानवापी की मूल संरचना को खरोंच तक नहीं आयेगी. जबकि, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और सौरभ तिवारी का कहना था कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण के जरिए वो ज्ञानवापी की सच्चाई सामने लाना चाहते हैं.

- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -

TRENDING NOW

© Copyright@2024.ABP Network Private Limited. All rights reserved.