Gyanvapi ASI Survey: वाराणसी (Varanasi) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा गुरुवार को ज्ञानवापी विवाद को लेकर सुनाए गए फैसले पर अयोध्या (Ayodhya) में साधु-संतों ने खुशी जताई है. हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (Masjid Committee) की याचिका को खारिज करते हुए एएसआई सर्वे (ASI Survey) की अनुमति दे दी है जिसे अयोध्या के संतों ने ऐतिहासिक फैसला बताया और कहा कि आज सत्य और संविधान की जीत हुई है.

  


हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने ये कहा


अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास ने कहा कि हाईकोर्ट का जो फैसला आया है हम उसका स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे संविधान में आस्था है. हिंदुस्तान के मुसलमानों को आगे आकर इस चीज बात को कहना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने जो भूल की है उसको हम सुधार कर सकते हैं. सिर्फ जिद की वजह से मंदिर का जो आकार था उसको ध्वस्त किया गया. इस मामले में एएसआई सर्वे को लटकाने, भटकाने और फंसाने की कोशिश करना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन मुझे संविधान पर भरोसा और कोर्ट पर विश्वास था और कोर्ट ने जो फैसला दिया है वे स्वागत योग्य है. सावन का महीना चल रहा है अधिक मास चल रहा है भोले की कृपा है और सब सही सही होगा. 


जगतगुरु परमहंस आचार्य ने बताया न्याय की जीत


तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने भी हाईकोर्ट के फैसले को न्याय और सत्य की जीत कहा. उन्होंने कहा कि ये सभी सनातनी हिंदुओं के धैर्य की भी जीत है. संविधान के रास्ते में देर भले हो लेकिन जीत अवश्य मिलती है. इसलिए अब बहुत जल्दी सत्य उजागर होने वाला है. जिस तरह से अंधेरा चंद मिनट के लिए सूर्य को भले ढक ले हमेशा के लिए नहीं ढक सकता है उसी तरह भारतीय संस्कृति विरोधी विचारधारा सत्य को विलुप्त नहीं कर सकता है. अब बहुत जल्दी वहां पर बाबा विश्वनाथ का अभिषेक पूजन शुरू होगा. 


संत दिवाकराचार्य बोले- सच सामने आएगा


संत दिवाकराचार्य ने कहा कि ये हिंदुओं के लिए बहुत बड़ी जीत है. यथार्थ सत्य जल्द ही सामने आएगा, जो ज्ञानवापी शिवालय है, जो मंदिर है उन दीवारों पर जिस प्रकार से साक्ष्य स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं त्रिशूल, श्रंगार मंदिर होना इससे स्पष्ट होता है कि वह कोई मस्जिद नहीं है. अनादिकाल से ज्ञानवापी मंदिर है, ज्ञानवापी का सीधा संबंध हिंदू से है. कुरान में इसका कहीं उल्लेख भी नहीं है. भगवान भोले को कहा जाता है सत्यम शिवम सुंदरम अपने शिव को पाने के लिए नंदी भगवान का परीक्षा रक्त हो जाना लगातार अपने शिव के लिए उसी दिशा में देखना जहां पर भगवान शिव का शिवलिंग प्राप्त हुआ है जो विश्व का एकमात्र सर्वप्रथम सबसे बड़ी शिवलिंग है. 


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