Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का बड़ा बयान, शादाब शम्स ने कह दी ये बात
Gyanvapi ASI Survey: 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट फिर हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे के फैसले को चुनौती दी थी.
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Gyanvapi Masjid Case: उत्तर प्रदेश (UP) के वाराणसी (Varanasi) में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई (ASI) सर्वे को हरी झंडी दे दी है. इसके बाद देश भर में ज्ञानवापी को लेकर सियासत जारी है. उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया जा रहा है.
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने हाईकोर्ट के फैसले की सराहना की है. शादाब शम्स ने कहा है कि सर्वे होने के बाद हकीकत सामने आ जाएगी. इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती है, जब हकीकत सामने आ जाएगी तो दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा कि आखिर वह जगह किसकी है? सर्वे होने से किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, अब इस बात को खुद हाईकोर्ट ने कहा है तो हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.
वाराणसी जिला जज ने दिया था ASI सर्वे का आदेश
बता दें कि 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट फिर हाईकोर्ट में एएसआई सर्वे के फैसले को चुनौती दी थी. अब हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा न्यायहित में एएसआई का सर्वे जरूरी हैं. कुछ शर्तों के तहत इसे लागू करने की आवश्यकता है, जिसको लेकर देश भर में सियासत जारी है.
शादाब शम्स ने और क्या कहा?
इसी कड़ी में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और बीजेपी नेता शादाब शम्स ने कहा कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. दूध का दूध और पानी का पानी होने में कोई बुराई नहीं है. हम चाहते हैं कि इस बात का पते चले कि वह जगह किसकी है और वहां क्या था? यह बात सिर्फ सर्वे से ही साफ हो सकती है.
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