Gyanvapi News: ज्ञानवापी के तहखाने में आधी रात को किसने कराई पूजा-अर्चना? जानें- कौन से खास लोग रहे मौजूद
Gतहखाने में पूजा के वक्त वहां पर सिर्फ पांच लोग ही मौजूद थे. इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा, गणेश्वर द्रविण, बनारस से कमिश्नर कौशल राज शर्मा, एडीएम प्रोटोकॉल शामिल थे.
Gyanvapi Puja: वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद कुछ घंटों बाद ही ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहख़ाने में पूजा अर्चना संपन्न कराई गई. प्रशासन की देखरेख में ज्ञानवापी में पूरे विधि विधान के साथ पूजा संपन्न हुई. सबसे पहले लक्ष्मी गणेश जी का आरती उतारी गई, इसके बाद सभी देवी देवताओं को पूजा गया. 31 साल बाद यहाँ दीपक जला, मंदिर की घंटियां और मंत्रोच्चार हुए. जिसके बाद अब यहां नियमित तरीक़े से पूजा शुरू हो गई है.
कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन तत्काल ज्ञानवापी परिसर में पहुंचा और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के सदस्यों के साथ एक बैठक की गई और पूजा का पूरा खाका तैयार किया गया है. एक तरफ़ पूजा की तैयारी हो रही थी तो वहीं दूसरी तरफ ज्ञानवापी और मंदिर परिसर के आसपास व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई, बड़ी संख्या में पुलिस बल को मौक़े पर तैनात किया गया.
जानें- किसने कराई तहख़ाने में पूजा
पर्याप्त व्यवस्था करने के बाद तहख़ाने की साफ़-सफाई कराई गई, इसके बाद वहां विराजमान देवी देवताओं को स्थापित किया गया. इसके बाद सबसे पहले लक्ष्मी गणेश की आरती की गई, दिया जलाया गया और मंत्रोच्चार हुए. आधी रात को ही व्यास जी के तहख़ाने में ये पूजा कराई गई. ये पूजा विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविण ने पूजा कराई.
जानकारी के मुताबिक तहख़ाने में पूजा के वक्त वहां पर सिर्फ पांच लोग ही मौजूद थे. इनमें काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा, गणेश्वर द्रविण, बनारस से कमिश्नर कौशल राज शर्मा, एडीएम प्रोटोकॉल शामिल थे. पूजा के बाद वहाँ मौजूद सभी लोगों को भगवान का प्रसाद और चरणामृत किया गया.
आपको बता दें कि व्यास जी के तहखाने में साल 1993 तक पूजा होती थी. ये तहख़ाना व्यास परिवार का था. लेकिन मुलायम सिंह यादव की सरकार में इसे बंद करा दिया गया था और यहाँ के पुजारियों को भी हटा दिया गया. व्यास जी का तहख़ाना ठीक नंदी भगवान के सामने है.
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