(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gyanvapi Case: 'मुलायम यादव सरकार ने पूजा से रोका..', ज्ञानवापी पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान
Gyanvapi Case: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ज्ञानवापी में पूजा को रोके जाने के लिए मुलायम सिंह यादव सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा जनता माफ़ नहीं करेगी.
Gyanvapi Puja: वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने (Vyas ji Basement) पूजा अर्चना शुरू हो गई है, जिसे लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. मौर्य ने इसके लिए मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि लोग इसके लिए कभी भी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को माफ़ नहीं करेंगे.
ज्ञानवापी को लेकर जिला अदालत के फ़ैसले से हिन्दू पक्ष और श्रद्धालुओं में ज़बरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. 31 साल बाद परिसर में रात को दीपक जलाया गया. वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने इस इंतज़ार के लिए समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह की सरकार की तुष्टिकरण नीति को लेकर घेरा. उन्होंने कहा कि मुलायम सरकार ने ही व्यास जी के तहख़ाने में शिवभक्तों को पूजा से रोका था.
केशव मौर्य ने साधा निशाना
केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर लिखा, "तुष्टिकरण की राजनीति के चलते श्री मुलायम सिंह यादव सरकार ने 1990 में राम भक्तों की हत्या कराई, 1993 में काशी में शिव भक्तों को दर्शन/पूजा से रोका, फिर श्री अखिलेश यादव की सरकार 2013 प्रयागराज कुंभ मेले में तीर्थयात्रियों की हुई मौतों, इन सबके लिए सपा को लोग कभी माफ़ नहीं करेंगे!"
अखिलेश यादव ने कही ये बात
कोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटों बाद तहखाने को खोलकर उसमें पूजा शुरू किए जाने पर अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने नियत प्रक्रिया से परे की गतिविधि करार दिया. सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘किसी भी अदालती आदेश का पालन करते समय उचित प्रक्रिया को बनाए रखना होगा. वाराणसी की अदालत ने इसके लिए सात दिन की अवधि तय की थी. अब हम जो देख रहे हैं वह नियत प्रक्रिया से परे जाने और किसी भी कानूनी सहारे को रोकने का एक ठोस प्रयास है.’’
दरअसल बुधवार को वाराणसी जिला अदालत ने व्यास जी के तहख़ाने में पूजा अर्चना की अनुमति दे दी, जिसके बाद जिला प्रशासन की देखरेख में आदेश के कुछ घंटों बाद ही प्रशासन ने काशी विश्वनाथ धाम ट्रस्ट के साथ मिलकर यहाँ पर पूजा अर्चना की तमाम विधियाँ संपन्न कराई. इस पूजा में धाम के मुख्य पुजारी और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर द्रविड़ भी मौजूद थे. इस दौरान मंदिर परिसर और आसपास के इलाक़ों में भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स को तैनात किया गया था.