Ayodhya News: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मुकदमे की दो वादी अयोध्या पहुंचीं. उन्होंने राम मंदिर का दर्शन कर पूजा अर्चना की. याचिका दायर करने वाली दोनों वादी महिलाओं ने काशी में मुक्तिदाता की मुक्ति के लिए यज्ञ भी किया. वादिनी सीता साहू ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा अर्चना शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हुई है. उन्होंने कहा कि 31 साल से व्यास जी का तहखाना बंद था. सीता साहू ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग को फव्वारा बताता है. बार-बार हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई जाती है.


ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी अयोध्या पहुंचीं


बाबा को भी मुक्त कराने की रामलला से प्रार्थना की है. दूसरी वादिनी मंजू व्यास ने कहा कि भगवान राम का दर्शन पूजन किया है. उन्होंने कहा कि भगवान राम से काशी में बाबा को मुक्त कराने की मनोकामना की. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी वजूखाने का सर्वे हो जाए और जल्दी से मंदिर बन जाए. अभी व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाज़त मिली है. 31 वर्षों से पूजा पाठ नहीं हो रहा था. 1993 तक गौरी श्रृंगार की पूजा हो रही थी. अब दोबारा पूजा करने की इजाजत मिली है. व्यास तहखाने में पूजा शुरू हो गई है और भोग भी लग रहा है.


काशी में मुक्तिदाता की मुक्ति के लिए किया यज्ञ-हवन


देवों के देव महादेव को भी जल्द मुक्ति मिलने की कामना की गई है. राम जी से प्रार्थना करने अयोध्या आए थे. तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंसाचार्य ने दोनों वादिनी मंजू और सीता को शिष्या बताया. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी गौरी श्रृंगार मुकदमे में जीत मिलने पर उन्होंने अयोध्या आकर रामलला का दर्शन करने की मनौती मानी थी. अब एक विजय हो चुकी है. इसलिए उन्होंने राम मंदिर का दर्शन कर मुक्तिदाता की मुक्ति के लिए हवन पूजन का आयोजन किया है. उन्होंने कहा कि श्रृंगार गौरी की पूजन अर्चन का अदालत ने आदेश दे दिया है. अब काशी में विशेश्वर के लिए लड़ाई जारी है. आज मुक्ति दाता की मुक्ति के लिए उन्होंने हवन कराया है. 


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